चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर एक दिन पूरा कर लिया है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो चुका है। हालांकि, प्रयास ये है कि उन्हें जगाकर अतिरिक्त जानकारियां जुटाई जाएं।
चंद्रमा पर 14 दिनों तक धूप और 14 दिनों तक अंधेरा रहता है। चंद्रयान मिशन-3 का प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर अभी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद हैं और सूर्योदय होते ही इनके फिर से चार्ज होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान के लोगों के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी भारत के बुलंदियों पर पहुंचने की जमकर तारीफ की है। वहीं पाकिस्तान की बदहाली के लिए नवाज ने अपने ही देश के कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को कसूरवार ठहराया है।
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर कीर्तिमान रच दिया। चंद्रमा पर अभी रात का समय चल रहा है और 22 सितंबर को वहां सूरज की रौशनी होगी तो क्या फिर से रोवर एक्टिव हो जाएगा। कोरियाई मून मिशन ने तस्वीरें भेजी हैं।
Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर सोमवार को हा स्लीप मोड में चला गया था। अंधेरे में चांद पर अभी विक्रम लैंडर कैसा दिख रहा है। इसकी तस्वीर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ली। जिसे ISRO ने सोशल मीडिया साइट X पर शेयर किया है।
भारत के ISRO की राह पर अमेरिका का NASA भी चलेगा। नासा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर यान उतारेगा। इसके लिए टेस्टिंग शुरू हो गई है। 'नासा' द्वारा चांद पर अंतरिक्ष यान भेजने के लिए एक चंद्रमा रोवर बनाया जा रहा है।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और क्रांति की उम्मीद बढ़ गई है। भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना ब्रह्मांड मिशन लांच किया है। जापान का एक्सरे रॉकेट दूरबीन के साथ ब्रह्मांड की उत्पत्ति का पता लगाने चांद पर रवाना हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संघठन ने जापान को इसके लिए बधाई दी है।
अब नासा ने उस जगह को खोज निकाला है, जहां संभवतः रूस का लूना 25 क्रैश हुआ। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) स्पेसक्राफ्ट ने चांद पर एक नए क्रेटर को खोजा है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने एक और ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद पर ऑक्सीजन का पता लगाया है।
क्वाड में भारत साथी जापान के चंद्र मिशन को लगता है 'ग्रहण' लग गया है। जापान के चंद्र मिशन में लगातार रुकावटें आ रही हैं। इस कारण तीसरी बार लॉन्चिंग टल गई है।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चांद की सतह का तापमान क्या है और ये किस प्रकार बदलता है। इस बारे में अब तक दुनिया को कोई जानकारी नहीं है। मगर भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान 3 के पेलोड विक्रम लैंडर ने चांद की सतह का भ्रमण करके दिन भर चांद की मिट्टी के ताप का आकलन किया। अब इसे इसरो ने ग्राफ के तौर पर प्रस्तुत किया है।
दुनिया के लगभग सभी देश चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर भारत को अपनी शुभकामनाएं भेज चुके हैं, लेकिन पड़ोसी पाकिस्तान अब तक अपनी क्षुद्र मानसिकता का प्रदर्शन करता रहा। अब शर्म का पर्दा हटा तो चंद्र मिशन के 3 दिन बाद भारतीय वैज्ञानिकों और इसरो की सराहना की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसरो के वैज्ञानिकों को महान बताया।
इसरो ने चंद्रयान- 3 मिशन को लेकर एक और नया वीडियो जारी किया है, जिसमें चांद के साउथ पोल पर भेजे गए प्रज्ञान रोवर को 'शिव शक्ति' प्वॉइंट के आस-पास घूमते हुए देखा जा सकता है।
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से पूरी दुनिया भारत के वैज्ञानिकों का लोहा मान रही है। चंद्रयान -3 में लगे प्रज्ञान रोवर ने चांद पर मून वॉक शुरू कर दिया है। प्रज्ञान चांद की सतह पर 8 मीटर चल चुका है।
इसरो की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं। रोवर की मोबिलिटी भी शुरू हो गई है।
चांद पर भारत के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब लोगों में इस बात की जिज्ञासा है कि भारत अपना कोई इंसान चांद पर भेजेगा या नहीं? जानें इस बारे में क्या है जनता की राय।
भारत की कामयाबी पर पाकिस्तान भले खुश न हुआ हो, लेकिन दूसरा पड़ोसी बांग्लादेश में चांद फतह होने का जश्न मनाया जा रहा है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की इस उपलब्धि को पूरे दक्षिण एशिया के लिए बड़ा बताते हुए ढाका में जश्न मनाने का ऐलान किया है। चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की बधाई दी है।
चंद्रयान की सफलता के बाद भारत का झंडा पूरी दुनिया में बुलंद है। भारत में हर ओर लोगों के बीच इस कामयाबी पर उत्सव का माहौल है।
भारत ने बुधवार 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर लैंड करके इतिहास रच दिया। इस कारनामे के बाद पूरी दुनिया में भारत के चर्चे हो रहे हैं।
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