भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 5 प्रतिशत रही। मूडीज ने कहा है कि कमजोर अर्थव्यवस्था और कर्ज वृद्धि में नरमी का एक-दूसरे पर प्रतिकूल असर है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया है। विश्वबैंक ने भी यह अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोरी बनी रहेगी।
मूडीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि हमनें भारत के लिए अपने वृद्धि अनुमान में संशोधन किया है और इसे पूर्व अनुमान की तुलना में और कम कर दिया है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 103.90 अंक यानी 0.86 प्रतिशत लुढ़ककर 11,908.15 अंक पर बंद हुआ।
सरकार ने मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के भारत की रेटिंग का परिदृश्य स्थिर से घटाकर नकारात्मक करने पर शुक्रवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
क्रेडिड रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने नजरिए को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है, जिसका असर शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है।
सुस्त अर्थव्यवस्था के चलते भारत के लिए एक और बुरी खबर आयी है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटा दी है।
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान 6.20 प्रतिशत से घटाकर बृहस्पतिवार को 5.80 प्रतिशत कर दिया।
रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का कंपनी कर की दर में कटौती के निर्णय से भारतीय कंपनियों की आय बढ़ेगी और साख के लिहाज से सकारात्मक कदम है।
पाकिस्तान के बाहरी वित्तपोषण का फासला छह अरब डॉलर तक बढ़ गया है।
कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था से एशियाई निर्यात प्रभावित हुआ है। इसके अलावा अनिश्चित वातावरण की वजह से भी निवेश पर असर पड़ा है।
मूडीज आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान का आकलन कैलेंडर वर्ष के आधार पर करता है। हालांकि भारत आर्थिक वृद्धि की गणना वित्त वर्ष के आधार पर करता है।
सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में 48,239 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की घोषणा की है।
भारत की क्रेडिट रेंटिंग में लगातार 12वें साल बदलाव करने से इनकार करते हुए गुरुवार को वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने इसकी रेटिंग को बीबीबी नकारात्मक बनाए रखा है
पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती भारत की साख की दृष्टि से नकारात्मक है।
डीजल-पेट्रोल सस्ता करने के सरकार के हालिया उपायों से सरकारी कंपनियों के परिचालन लाभ में 6,500 करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान है।
भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
देश में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से घोषित पांच-सूत्रीय रणनीति से रुपये की गिरावट के थामने की संभावना नहीं है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 और 2019 में 7.5 प्रतिशत रह सकती है। तेल की ऊंची कीमत एक चुनोती जरूर है लकिन भारत ऐसे बाहरी दबाव से पार पाने में काफी हद तक सक्षम है।
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