मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक मॉनसून में और देरी हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून (Monsoon) की शुरुआत में एक हफ्ते की देरी हो सकती है और अब इसके 8 जून तक केरल में दस्तक देने की संभावना है।
बिहार में मई तक सामान्य तौर पर 51.0 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी परंतु अब तक मात्र 32.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऐसे में राज्य में सूखे की आशंका को लेकर उससे निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है।
आईएमडी ने मानसून को लेकर बुलेटिन में कहा है, ‘‘उत्तर की तरफ धीरे-धीरे बढ़ने की अनुकूल संभावना के कारण आठ जून के आसपास केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत की उम्मीद है।
भारत का लगभग 42 फीसदी हिस्सा 'असामान्य रूप से सूखाग्रस्त' है, जो बीते साल की तुलना में 6 फीसदी अधिक है।
डोकलाम विवाद के बाद 2017 में चीन ने ब्रह्मपुत्र के लिये जलविज्ञान आंकड़े साझा करना बंद कर दिया था। उसने दावा किया था कि बाढ़ के कारण जलविज्ञान आंकड़े जुटाने वाले केंद्र बह गये हैं। ब्रह्मपुत्र के लिये 15 मई से और सतलज के लिये एक जून से आंकड़े साझा किये जाते हैं।
महाराष्ट्र में पानी की कमी अभी इतने खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंची है कि केंद्र को राज्य के लिए मुआवजे की घोषणा करने के वास्ते हस्तक्षेप करना पड़े। यह बात बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने कही।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को आपदा प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को अनुमान को ध्यान में रखकर बांधों में पानी के स्तर की निगरानी करने को कहा।
दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामना आया जब 8 साल की बच्ची में के दिमाग में टेपवर्म के 100 से भी ज्यादा अंडे पाएं गए। हो गए न हैरान कि ऐसा कैसा हो सकता है तो हम आपको बताते है। साथ ही जानें कैसे आप करे खुद का बचाव।
केरल में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से गुरूवार को 30 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, कई घरों में पानी भर गया और सड़कों को नुकसान पहुंचा वहीं कई स्थानों पर हवाई और रेल यातायात बाधित हुआ।
बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में इस मानसून में अब तक 718 लोगों की मौत हो चुकी है।
शुक्रवार को कम बारिश के चलते बीते दो दिनों के मुकाबले कुछ राहत रही, लेकिन इसकी वजह से हुए विभिन्न हादसों ने मौतों के आंकड़े में इजाफा कर दिया।
मानसून हमारे शरीर के सबसे संवेदनशील हिस्से 'आंखों' में कुछ हानिकारक समस्याएं भी पैदा करता है। जानिए कैसे रखें अपनी आंखो का ख्याल।
पूरे मानसून सीजन यानि जून से सितंबर के दौरान अगर बारिश की कमी 10 प्रतिशत या इससे ज्यादा हो तो सीजन को सूखा घोषित कर दिया जाता है।
मानूसन में सबसे ज्यादा हमें बीमारियों का सामना करना पड़ता है। बारिश का मौसम हमारे कान के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। जिसके कारण कान में फंगल इंफेक्शन हो जाता है। जानिए कैसे करें बचाव।
नेपाल की पहाड़ियों से आने वाले बारिश के पानी की वजह से भी जलस्तर में वृद्धि होगी। लगातार होने वाली इन बारिशों के चलते बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
सेवई उपमा( Vermicelli Upma) भारतीय ब्रेकफास्ट की एक ऐसी टेस्टी रेसपी है। जिसे आप कुछ ही देर में बड़ी ही आसानी से बना सकते है। इसे आप शाम के स्नैक्स में या फिर सुबह ब्रेकफास्ट में बना सकते है। जानिए सेवई उपमा बनाने की विधि के बारें में।
अगर आप भी इस मौसम में कहीं घूमने का प्लान बना रहे है। जो हम आपको कुछ ऐसे बेस्ट जगहों के बारें में बता रहे है। जहां आपको सुकून और शांति के साथ-साथ प्रकृति का सुगम अहसास मिलेगा।
जाते-जाते मानसून निराश करने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून सीजन के महत्वपूर्ण महीने जून से सितंबर के आखिरी दो महीनों के दौरान देश में औसत बारिश होने की संभावना है।
मानसून सीजन में कीचड़ से सने रास्तों, पानी से लबालब गलियों, आद्र्रता भरे ठंडे वातावरण तथा सीलन में पैरों को काफी झेलना पड़ता है। जूतों के चिपचिपे होने के कारण पैरों में दाद, खाज, खुजली तथा लाल चकत्ते पड़ जाते हैं।
बारिश का मौसम में चाय के साथ पकोड़े हर घर में बनते ही हैं। आलू, प्याज, मिर्च और पनीर के पकोड़े तो खा खाकर आप भी बोर हो गये होंगे, आज हम आपको बताएंगे घर पर कैसे बनाएं काजू के पकोड़े जिसका स्वाद भी बहुत अलग होगा। आइए जानते हैं यम्मी काजू के पकोड़ों को बनाने की विधि...
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