सितंबर में विशेष तौर पर बहुत ज्यादा बारिश हुई है। शहर में इस महीने बृहस्पतिवार दोपहर तक 403 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो आईएमडी के अनुसार 77 वर्षों में सबसे अधिक है। सितंबर 1944 में शहर में 417.3 मिमी बारिश हुई, जो 1901-2021 की अवधि में सबसे अधिक है।
गुजरात में मानसून के मौसम में सामान्य रूप से होने वाली बारिश का इस बार 69.24 प्रतिशत ही हुआ है। एसईओसी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में इस महीने अब तक 219.2 मिमी बारिश हुई है।
विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून आधिकारिक तौर पर एक जून को आता है और 30 सितंबर तक सक्रिय रहता है। जून के महीने में 10 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अगस्त माह के दौरान सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी लेकिन देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का कहर जारी है। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ और हिमाचल के लाहौल-स्पीति में बादल फटने से अब तक 14 मौतें हो चुकी हैं। देखिये अन्य बड़ी ख़बरें Top 9 News में।
महाराष्ट्र और बिहार की तरह ही जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश भी अब कुदरत की मार झेल रहे हैं। दोनों प्रदेशों में अगले 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बादल फटने से अमरनाथ के आसपास तबाही का मंज़र देखने को मिला, हालांकि इससे गुफा को कोई नुकसान नहीं हुआ।
महाराष्ट्र में बाढ़ का कहर जारी है। रायगढ़ जिले में बारिश काल बनकर बरसी है। गुरुवार से शुरू हुई बारिश के चलते हुए भूस्खलन में रायगढ़ की महाड़ तहसील अब तक 36 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा अब भी 30 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। इलाके में बीते दो दिनों से रोड और रेल नेटवर्क बाधित है। देखिये पूरी रिपोर्ट Aaj Ki Baat में Rajat Sharma के साथ।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का कहर जारी है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश के बीच राज्य के टिहरी गढ़वाल में बादल फटने की घटना हुई है।
कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अब तक धान सहित खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 499.87 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 10.43 प्रतिशत कम है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण पश्चिम तथा पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ गया है एवं केरल में 31 मई तक इसके पहुंचने के आसार हैं।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस साल 40 प्रतिशत संभावना है कि मानसून सीजन के दौरान 96-104 प्रतिशत बरसात होगी, ऐसी स्थिति में सामान्य मानसून कहा जाता है। मौसम विभाग ने 16 प्रतिशत संभावना 104-110 प्रतिशत बरसात की लगाई है और इस स्थिति को सामान्य से अधिक बारिश माना जाता है।
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