2 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है।
महंगाई दर के न्यूनतम स्तर पर आने तथा औद्योगिक वृद्धि के 2% से नीचे जाने के कारण RBI पर मौद्रिक नीति में बदलाव लाने और नीतिगत दर में कटौती का दबाव बढ़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत समीक्षा से पहले वित्त मंत्रालय के चर्चा के आग्रह को खारिज कर दिया।
RBI बुधवार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती करने का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महंगाई घटने से ब्याज दरें कम हो सकती है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख दरों को स्थिर रख सकता है
रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2017-18 की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि सेंट्रल बैंक ने रिवर्स रेपो को बढ़ा दिया है।
महंगाई बढ़ने, वैश्विक गतिविधियों को देखते हुए RBI गुरूवार को 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (ब्याज) में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत समीक्षा और वृहद आर्थिक आंकड़ें शेयर बाजार के कारोबार का रूख तय करेंगे।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
एसोचैम ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को लोन ग्रोथ सुस्त रहने और कमजोर मांग के बीच ब्याज दरों में 0.5 से 0.75 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए।
मुद्रास्फीति नरम रखने की दृष्टि से अच्छा है और इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत कर की कटौती कर सकता है
आर्थिक समीक्षा के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर रिजव बैंक के पांच प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने की संभावना है।
चार डिप्टी गवर्नर के बीच कामकाज नए सिरे से बांटा गया है। विरल आचार्य के डिप्टी गवर्नर का पद संभालने के बाद गवर्नर उर्जित पटेल ने कामकाज का बंटवारा किया।
RBI द्वारा कल जारी की जाने वाली मौद्रिक नीति में नीतिगत दरों में कटौती की उम्मीद के मद्देनजर आज शेयर बाजार में निवेशकों की खरीदारी का दौर बना हुआ है
मौद्रिक नीति पर विचार के लिये छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक मंगलवार को शुरू होगी। नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है।
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी की वजह से प्रभावित बैंकों को राहत दे सकते हैं। बुधवार को नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकते हैं।
सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि में हल्की नरमी आई। PMI सितंबर में घटकर 52.1 पर आ गया जो अगस्त में 52.6 था।
कानून के नए प्रावधानों को अमल में लाते हुए सदस्यीय समिति की स्थापना की दिशा में पहल की है। मौद्रिक समीक्षा में यही समिति ब्याज दरों पर फैसला करेगी।
वित्त मंत्रालय ने नीतिगत ब्याज दर निर्धारण करने वाली मौद्रिक नीति समिति के परिचालन में लाने की दिशा में कदम उठाया है। जल्द अधिसूचित किया जाएगा।
क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा में रघुराम राजन नीतिगत ब्याज दरों में कटौती यह जरुरी सवाल है, दूसरे कार्यकाल पर राजन की टिप्पणी का भी बाजार को इंतजार है।
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