भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की। इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
आरबीआई ने अभी मौद्रिक नीति के बारे में नाप-तोल कर सख्ती करने का रुख अपना रखा है।
बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान GDP ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर 2.7-3.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जारी किया है
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों पर फैसले के लिए जून में पहली बार जो 3 दिन बैठक की थी उसी प्रारूप पर आगे भी बैठक करेगा, मंगलवार को RBI की तरफ से बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। RBI की तरफ से कहा गया है कि 6 जून को ब्याज दरों को लेकर आए फैसले से पहले जिस तरह से मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने 3 दिन बैठक की थी उसी तरह से 30 जुलाई को भी 3 दिन बैठक की जाएगी।
रिजर्व बैंक के अनुसार, महानगरों में अब 35 लाख रुपए तक के होम लोन को प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग की श्रेणी में रखा जाएगा और इस पर वह सारे लाभ मिलेंगे जो प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग श्रेणी के तहत दिए जाते हैं। आपको बता दें कि पहले इसकी सीमा 35 लाख रुपए थी। इस संदर्भ में RBI 30 जून को एक सर्कुलर जारी करेगा।
RBI Policy: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6 प्रतिशत, रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत, MSF को 6.25 प्रतिशत, बैंक रेट को 6.25 प्रतिशत और CRR को 4 प्रतिशत तक बनाए रखने का फैसला किया है
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स की 30 में से सभी 30 कंपनियों और निफ्टी की भी 50 में से सभी 50 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी जा रही है, सेंसेक्स और निफ्टी पर कोई भी कंपनी ऐसी नहीं है जिसमें गिरावट है
RBI ने पिछली तीन बैठकों में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है। पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नए वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी।
बुधवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के विवरण में कहा गया कि तेल कीमतों, मकान किराया भत्ते और बजट में राजकोषीय चूक के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
भारत अपने लोगों के जीवनयापन का स्तर सुधार कर तथा निवेश को प्रोत्साहित कर अगले दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ आर्थिक अधिकारी ने यह बात कही।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 205 अंक टूटकर 32,597.18 अंक पर आ गया।
निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट मेटल सेक्टर की कंपनियों हिंडाल्को, वेदांत और टाटा स्टील में देखने को मिल रही है। RBI पॉलिसी से पहले ज्यादातर बैंक कंपनियों पर भी दबाव है
MPC की दो दिन की बैठक के नतीजे कल आएंगे। सभी अंशधारकों मसलन उद्योग और शेयर बाजारों की निगाह बैठक पर है।
रिजर्व बैंक (RBI) इस बुधवार को अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर वर्तमान स्तर पर ही बनाए रख सकता है तथा उसका ध्यान महंगाई नियंत्रण पर केंद्रित रहने की संभावना है
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को शायद ही कम करे।
RBI की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर में हुई बैठक की जानकारियों से पता चलता है कि दिसंबर की बैठक में भी नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम और बहाय एवं वित्तीय मोर्चे पर अनिश्चितता की वजह से मौद्रिक नीति की समीक्षा में RBI ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं कर सका।
सरकार को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती करेगा।
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