राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की।
सोमवार से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू हो रहा है। यह कार्यक्रम 17 से 19 सितंबर तक विज्ञानभवन में होगा।
17 से 19 सितंबर तक ‘‘भारत का भविष्य : आरएसएस का दृष्टिकोण’’ विषय पर भागवत के तीन दिवसीय व्याख्यान माला के लिए करीब 500 गणमान्य व्यक्तियों की सूची तैयार की गई है।
उन्होंने समुदाय के नेताओं से अनुरोध किया कि वे एकजुट हों और मानवता की बेहतरी के लिए काम करें।
स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित विश्व हिन्दू सम्मेलन में करीब 2,500 लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।
शिकागो में आयोजित होने जा रहे विश्व हिंदू कांग्रेस में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल होंगे। सात सितंबर से नौ सितंबर तक आयोजित होने वाले विश्व हिंदू कांग्रेस में 80 देशों से 2,500 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
ब्रिटेन की धरती पर राहुल का ये बयान हिंदुस्तान में सियासी हंगामे की वजह बन गया। अरब देश का मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन आतंकी संगठन की श्रेणी में आता है इसीलिए बीजेपी से लेकर आरआरएस तक हर कोई राहुल के इस बयान पर पलटवार कर रहा है।
संघ के एक पदाधिकारी ने बताया, टाटा और भागवत नाना पालकर स्मृति समिति द्वारा 24 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस एनजीओ का नाम संघ प्रचारक नाना पालकर के नाम पर रखा गया...
हम सब एक ही देश के हैं और हम सबमें एक दूसरे के लिए आत्मीयता होनी चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति आरएसएस मुख्यालय में सात जून को संघ शिक्षा वर्ग में शामिल हुए थे और कार्यक्रम में उन्होंने भाषण भी दिया था...
प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के स्वंय सेवकों को राष्ट्र, राष्ट्रीयता और राष्ट्रभक्ति का मतलब समझाया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम भारत का मूलमंत्र रहा है। उन्होंने ये बताने की कोशिश की कि धर्म के आधार पर राष्ट्र की परिभाषा गलत है...
उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी-प्रणब मुखर्जी हैं और संघ-संघ है। उन्होंने कहा कि संघ को संपूर्ण समाज को संगठित करने के लिए गठित किया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के पैतृक आवास पर पहुंचे...
इस समय मुख्य अतिथि प्रणब मुखर्जी स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे हैं। इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि प्रणब मुखर्जी को हमने न्योता दिया, उनको क्यों बुलाया ये चर्चा बेकार है। वे अत्यंत ज्ञान और समृद्ध व्यक्तित्व के धनी हैं...
संघ, इसके सहयोगियों, भाजपा और सरकार के बीच समन्वय बैठक की अध्यक्षता आरएसएस के संयुक्त सरकार्यवाह कृष्णा गोपाल ने की।
जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उनसे मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आरएसएस के बारे में और अधिक जानने की इच्छा जताई थी।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, भारत में मुस्लिम समुदाय ने राम मंदिर नहीं तोड़ा। भारतीय नागरिक ऐसी चीजें नहीं कर सकते...
केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ये नारा दिया था जिसे बाद में कई दूसरे बीजेपी नेता भी चुनावों के दौरान बोलते दिखाई दिए हैं।
आरएसएस प्रमुख ने बदलाव लाने के लिए सकारात्मक पहल की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि नकारात्मक दृष्टि वाले बस संघर्षों और विभाजन की ही सोचते हैं...
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हिंसा की इन घटनाओं के लिए संघ को जिम्मेदार ठहरा दिया है...
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