धर्म संसद में मौजूद साधु संतों ने भी मंदिर निर्माण में हो रही देरी के लिए साफ साफ अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। हालांकि दो दिन तक चली संसद मे राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पास कर दिया गया, साथ ही उन लोगों के गुस्से को शांत करने की कोशिशें भी हुईं
सबरीमला को लेकर जारी विवाद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि हिंदू समाज की भावना को ठेस पहुंचाने के लिए नई नई योजनाएं चल रही हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ न होने से संघ समेत तमाम हिंदू संगठन मोदी सरकार से नाराज हैं लेकिन ये पहला मौका है जब संघ ने इसे लेकर मोदी सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधा है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि देश में सशक्त संविधान और कानून है लेकिन लोगों में संवेदनशीलता की कमी के कारण ये प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पाते।
सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी चाहती है कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में ही समस्या का हल निकले और मंदिर निर्माण शुरू हो लेकिन सरकार जनवरी में अदालत की सुनवाई का इंतज़ार करना चाहती है
भागवत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले की वजह से सबरीमाला में बुधवार को जो स्थिति दिखाई दी, उसका कारण सिर्फ यह है कि समाज ने उस परंपरा को स्वीकार किया था और लगातार कई सालों से पालन होती आ रही परंपरा पर विचार नहीं किया गया।
नागपुर में आरएसएस के विजयादशमी उत्सव के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए मोदी सरकार को आगाह किया।
तोगड़िया ने कहा, हम 52 वर्ष पहले आरएसएस में यह जानकर शामिल हुए थे कि यह हिंदू संगठन है। लेकिन अब हमें महसूस होता है कि यह केवल मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए चिंतित है।
मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण के प्रति संघ और भाजपा की प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ ही यह भी कहा कि कुछ कार्यों को करने में समय लगता है।
'मोहन भागवत: इंफ्लूएंसर इन चीफ' नाम की किताब में दावे के साथ कहा गया है कि 'नरेंद्र मोदी का भविष्य मोहन भागवत के हाथों में है।
भागवत ने कहा कि जिस प्रकार महिलाएं परिवार का कुशल नेतृत्व करती आई हैं उसी प्रकार आज के समय में समाज के भी प्रमुख कार्यों में नेतृत्व दे रही है यह हमारे लिए अच्छे संकेत हैं।
उन्होंने कहा कि RSS यह सब अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कर रहा है, जबकि उसके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आने वाला है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को लेकर उन पर करारा वार किया है।
भागवत ने अयोध्या में यथाशीघ्र राममंदिर के निर्माण का आह्वान किया था और कहा था कि समाज को अतिशीघ्र न्याय मिलना चाहिए।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता रत्नाकर महाजन ने भागवत पर चुनाव करीब होने के कारण राम मंदिर का मुद्दा उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, चुनाव करीब आते ही राम मंदिर का मुद्दा उठने लगता है।
एससी/एसटी अत्याचार निवारक अधिनियम को कमजोर करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी से इंकार करते हुए भागवत ने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत पर जोर दिया।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि संघ अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं है और यह पुरुष तथा महिला के बीच तालमेल का मुद्दा है।
संघ की विचारधारा को सभी को साथ में लेकर चलने वाला बताते हुए उन्होंने कहा,‘हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि उसमें मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं है। जिस दिन ऐसा कहा जाएगा, तो यह हिंदुत्व नहीं रहेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि संगठन देश में एक 'ताकत' बनकर उभरा है और कई लोग इससे डर की वजह से इस पर निशाना साधते हैं।
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