संघ प्रमुख ने कहा, ‘यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा।’
आरएसएस प्रमुख भागवत ने वीडियो के माध्यम से जारी अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘ भारत रत्न लता मंगेशकर जी के जाने से केवल मैं ही नहीं, बल्कि प्रत्येक भारतीय के मन में जो वेदना और रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसको शब्दों में वर्णन करना कठिन है।’’
जहां एक तरफ कांग्रेस फोटो वायरके बाद समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए नजर आ रही है तो वहीं मोहन भागवत और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तस्वीर को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने कांग्रेस को कड़ा जवाब दिया।
RSS Chief मोहन भागवत ने हिमाचल दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में कहा है कि 40,000 साल से भारत के लोगों का डीएनए समान है।
इस दौरान मोहन भागवत ने कहा, ‘सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है।'
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है।
आरएसएस प्रमुख ने शपथ दिलाते हुए कहा, "मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिन्दू भाई को हिन्दू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा। जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा।"
उन्होंने कहा, ‘‘यदि देश को बनाना है तो अभी और प्रयास करने होंगे। अव्यवस्थाओं और लूट के कारण देश का जो नुकसान हुआ है, उसको ठीक करने में अभी 10-20 वर्ष और लगेंगे।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि ‘‘हिंदुस्तान’’ एक हिंदू राष्ट्र है जिसका उद्गम हिंदुत्व था तथा हिंदू एवं भारत अविभाज्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू यदि हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को ‘अखंड’ बनना ही होगा। अब उनके बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे है, पूरा मामला समझने के लिए देखितए मुक़ाबला
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान के बीच के सम्बन्ध की व्याख्या की। उन्होंने अपने बयान में कहा कि हिन्दू के बिना भारत नहीं है और भारत के बिना हिन्दू नहीं हैं।
मोहन भागवत ने कहा, इतिहास गवाह है कि जब भी हिंदू ‘भाव’ (पहचान) को भूले, देश के सामने संकट खड़ा हो गया और वह टूट गया लेकिन अब (हिंदू का) पुनरूत्थान हो रहा है तथा भारत की प्रतिष्ठा वैश्विक रूप से बढ़ रही है।
मोहन भागवत ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से भारत के विभाजन का षड्यंत्र रचा गया जो आज भी जारी है। शांति के लिए विभाजन हुआ लेकिन उसके बाद भी देश में दंगे होते रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि इन 75 वर्षों में जितना आगे बढ़ना चाहिए था, हम उतना आगे नहीं बढ़े। देश को आगे ले जाने के रास्ते पर चलेंगे तो आगे बढ़ेंगे, उस रास्ते पर नहीं चले इसलिए आगे नहीं बढ़े।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया उसी को पीटती है जो दुर्बल है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि दुर्बलता ही पाप है। बलशाली का मतलब है संगठित होना। अकेला व्यक्ति बलशाली नहीं हो सकता है। कलयुग में संगठन ही शक्ति मानी जाती है। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे, हमें किसी को बदलने की आवश्यकता नहीं है।
संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम छात्रों का कहना था कि वे भारत का हिस्सा बने रहना चाहते हैं और अब वे बिना किसी बाधा के भारतीय बने रह सकते हैं।
भागवत ने सरकार द्वारा संचालित माता वैष्णो देवी मंदिर जैसे मंदिरों का उदाहरण देते हुए कहा कि इसे बहुत कुशलता से चलाया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने देश की ‘‘तेजी से बढ़ती जनसंख्या’’ पर चिंता व्यक्त की और संसाधनों की उपलब्धता के साथ आगामी 50 साल को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की समीक्षा करने और उसका पुन: सूत्रीकरण करने का शुक्रवार को आह्वान किया।
आज पूरे देश में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है और आज के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है। नागपुर के संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पूरे विधि विधान के साथ शस्त्र पूजा की। नागपुर के रेशमबाग मैदान में विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने अपने संबोधन में कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने टारगेट किलिंग, जनसंख्या नीति से लेकर तालिबान, चीन, पाकिस्तान, घुसपैठ, और आर्टिकल 370 तक बात की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल बनाने के लिए आतंकवादी लोगों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं।
विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने टारगेट किलिंग, जनसंख्या नीति से लेकर तालिबान, चीन, पाकिस्तान, घुसपैठ, और आर्टिकल 370 तक बात की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदुत्व को अलग-अलग लोगों के साथ बांटने को लेकर मंगलवार को कहा कि हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा।
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