असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जबरन धर्मांतरण एक झूठ है और भागवत व उनके जैसे लोग यह स्वीकार नहीं कर सकते कि आधुनिक भारत में पैदा हुए लोग भारतीय नागरिक हैं। भागवत ने कहा था कि यह अप्रासंगिक है कि उनके पूर्वज कहां से आए, या वे कौन थे या उन्होंने क्या किया।
RSS प्रमुख ने कहा, हमारा संगठन किसी भी प्रकार की पूजा पद्धति का विरोध नहीं करता और उन सभी को पवित्र मानता है।
ज्ञानवापी विवाद को लेकर सपा नेता अबू आजमी ने कहा कि यह विवाद होना ही नहीं चाहिए था लेकिन अब जब बात कोर्ट में गई है तो उसके फैसले का इंतजार करते हैं। मुस्लिमों ने इन सब विवाद में बहुत धैर्य रखा।
अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझा तो दोनों पक्षों को अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर बार विवाद पैदा करना उचित नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस अब कोई मंदिर आंदोलन नहीं करेगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बंगाल दौरे को लेकर पुलिस से सतर्क रहने को कहा है। सीएम ने पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुनिश्चित करें कि कोई दंगा न हो।
बुधवार को श्रीकृष्ण निवास एवं पूर्णानंद आश्रम में पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा और यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे।
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि अखंड भारत का सपना कौन नहीं देखता है। वीर सावरकर,बाला साहेब ठाकरे का ये सपना था तो सबसे पहले आप वीर सावरकर को भारत रत्न दीजिए।
भागवत ने कहा कि हम अपने ही देश में अपने घर से विस्थापित होने का दंश झेल रहे हैं। ये परिस्थिति तीन-चार दशकों से लगातार चल रही है। लेकिन हम हारे नहीं है और हमें इस परिस्थिति को पार करके जीत का संकल्प लेना है। पूरा भारत हमारे साथ है क्योंकि हमारे पास अपनी भूमि है। अब हालात बदल रहे हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हैदराबाद में हैदराबाद में संत श्री रामानुजाचार्य के सहस्राब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में सनातन धर्म की अहमियत को बताया। उन्होंने कहा कि हमारे सामने खड़े होने की ताकत किसी में नहीं है। आज भी भारत में 5000 साल पुराना सनातन धर्म वैसे का वैसा मौजूद है।
संघ प्रमुख ने कहा, ‘यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा।’
आरएसएस प्रमुख भागवत ने वीडियो के माध्यम से जारी अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘ भारत रत्न लता मंगेशकर जी के जाने से केवल मैं ही नहीं, बल्कि प्रत्येक भारतीय के मन में जो वेदना और रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसको शब्दों में वर्णन करना कठिन है।’’
जहां एक तरफ कांग्रेस फोटो वायरके बाद समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए नजर आ रही है तो वहीं मोहन भागवत और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की तस्वीर को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने कांग्रेस को कड़ा जवाब दिया।
RSS Chief मोहन भागवत ने हिमाचल दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में कहा है कि 40,000 साल से भारत के लोगों का डीएनए समान है।
इस दौरान मोहन भागवत ने कहा, ‘सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है।'
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है।
आरएसएस प्रमुख ने शपथ दिलाते हुए कहा, "मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिन्दू भाई को हिन्दू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा। जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा।"
उन्होंने कहा, ‘‘यदि देश को बनाना है तो अभी और प्रयास करने होंगे। अव्यवस्थाओं और लूट के कारण देश का जो नुकसान हुआ है, उसको ठीक करने में अभी 10-20 वर्ष और लगेंगे।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि ‘‘हिंदुस्तान’’ एक हिंदू राष्ट्र है जिसका उद्गम हिंदुत्व था तथा हिंदू एवं भारत अविभाज्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू यदि हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को ‘अखंड’ बनना ही होगा। अब उनके बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे है, पूरा मामला समझने के लिए देखितए मुक़ाबला
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान के बीच के सम्बन्ध की व्याख्या की। उन्होंने अपने बयान में कहा कि हिन्दू के बिना भारत नहीं है और भारत के बिना हिन्दू नहीं हैं।
मोहन भागवत ने कहा, इतिहास गवाह है कि जब भी हिंदू ‘भाव’ (पहचान) को भूले, देश के सामने संकट खड़ा हो गया और वह टूट गया लेकिन अब (हिंदू का) पुनरूत्थान हो रहा है तथा भारत की प्रतिष्ठा वैश्विक रूप से बढ़ रही है।
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