Budget 2024: Railways को बजट से हैं ये उम्मीदें, All India Railwaymen's Federation के सचिव ने बताया
दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में राष्ट्रपति सिर्फ नाममात्र का शासक होता है। सभी प्रमुख कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होती हैं यानी राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे क्योंकि यह भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने का प्रयास करती है, लेकिन ये लंबे समय से विवादास्पद रहे हैं और एनडीए का कमजोर जनादेश इन कानूनों को पारित करना और जटिल कर देगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में पुरानी बाधाओं और प्रथाओं को पीछे छोड़ते हुए केंद्रीय बजट की विश्वसनीयता में काफी सुधार देखा गया है। मोदी सरकार विकसित भारत की मजबूत नींव रखने के लिए जारी सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
लोकसभा चुनाव 2014 में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब एनडीए की निगाहें तीसरी बार सरकार बनाने पर पर टिकी हैं। पिछले दो बार के टर्म में मोदी सरकार ने क्या काम किए और किस आधार पर वह तीसरी बार सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं। आइये मोदी सरकार के 10 सालों पर एक नजर डालते हैं।
भारी बारिश के बावजूद, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कोकराझार लोकसभा क्षेत्र के लिए यूपीपीएल उम्मीदवार के समर्थन में कोकराझार में एक रोमांचक चुनाव अभियान रैली का नेतृत्व किया।
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में तीसरे कार्यकाल की तैयारी के साथ 100 दिन के एक्शन प्लान के बारे में भी बताया था। पीएम मोदी ने कहा था कि मैं नहीं मानता हूं कि अभी तक मैंने सब कुछ कर लिया है। अभी मुझे बहुत कुछ करना है।
P. Chidambaram: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पर्यावरण प्रदर्शन संबंधी एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट को सरकार द्वारा खारिज किए जाने के बाद गुरुवार को मुखरित हुए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को यह समझना चाहिए कि ‘दुनिया बीजेपी और आरएसएस की धुनपर नाचने वाली नहीं है।’
मोदी सरकार को सत्ता पर काबिज हुए 8 साल हो गए है और इन 8 सालों में काफी कुछ बदल गया है। भारत की GDP लगभग दोगुनी हो गई है, आम आदमी की कमाई भी लगभग दोगुनी हो गई है। इसके महंगाई भी बेतहाशा बढ़ी है।
आहूजा 12 साल की उम्र में विभाजन के बाद भारत आ गए थे। उन्होंने 1980 के दशक में शहर के कुछ हिस्सों में 'लंगर' (सामुदायिक रसोई) का आयोजन शुरू किया था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि जेएनयू में हुई हिंसा जैसी ‘राज्य प्रायोजित’ घटना की उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच कराई जाएगी।
साल 2019 में कई बड़ी राजनीतिक घटनाएं हुईं। इस साल मोदी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस लौटी और इस सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। रिपोर्ट में जानिए साल 2019 की बड़ी राजनीतिक घटनाएं।
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने अभी तक अनुसूचित जाति और जनजातियों के समुदायों में क्रीमी लेयर की पहचान नहीं की है जिसका नतीजा यह हुआ है कि इन्हीं समूहों के वंचित सदस्यों की कीमत पर इनके समृद्ध लोग लगातार आरक्षण का लाभ प्राप्त करते आ रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आने वाले समय में और अधिक कार्य करना चाहती है ताकि हम एक समृद्ध एवं प्रगतिशील नये भारत का निर्माण कर सकें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिये स्पेक्ट्रम किस्त भुगतान से छूट दी गई है।
सोनिया ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (आरसीईपी) को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार आरसीईपी के माध्यम से पहले ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है।
कांग्रेस आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरईसीपी) के मुद्दों को लेकर अगले महीने दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विशाल रैली करेगी।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आज हम बढ़ती असहिष्णुता, हिंसा का माहौल देख रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोमवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में “कुछ त्रुटियां” हैं और आगे बढ़ने से पहले सरकार को उन्हें दूर करना चाहिए।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि आज अर्थव्यवस्था की हालत बेहद चिंताजनक है।
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