मंत्रिपरिषद में सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, राधा मोहन सिंह, महेश शर्मा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, सत्यपाल सिंह, के जे एलफोंस को नई सरकार में स्थान नहीं मिला है । नई सरकार में उमा भारती और मनोज सिन्हा भी शामिल नहीं हैं । सुषमा और उमा ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा जबकि मनोज सिन्हा चुनाव हार गए ।
पिछली सरकार में विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज के काम की काफी तारीफ हुई थी। वह तुरंत एक्शन के लिए पहचानी जाती है।
राजनीति में शामिल होने से पहले 68 वर्षीय जनरल सिंह सेनाध्यक्ष थे। वे परम विशिष्ट सेवा मैडल, अति विशिष्ट सेवा मैडल, युद्ध सेवा मैडल जैसे सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं । वह 31 मार्च 2010 में सेनाध्यक्ष बने और 31 मई 2012 को इसी पद से सेवानिवृत्त हुए। जनरल सिंह एक मार्च 2014 को भाजपा में शामिल हुये और 2014 लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और विजयी हुए।
रामविलास पासवान के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 के दशक में बिहार विधानसभा के सदस्य के तौर पर हुई और आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों से वह तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने हाजीपुर सीट पर चार लाख मतों के रिकार्ड अंतर से जीत हासिल की।
नितिन गडकरी टाइम बाउंड तरीके से काम पूरा करने में मशहूर हैं। पिछली सरकार में उन्होंने गंगा की सफाई में तेजी लाई और देशभर में सड़कों का जाल बिछाया। माना जाता है कि पिछली सरकार में गडकरी का काम सबसे ज्यादा पंसद किया गया था।
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पीयूष गोयल वित्त और रेल जैसे महत्वपूर्ण संभाल चुके हैं। उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय नेताओं में से एक माना जाता है।
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं। सत्रों ने बताया कि आठ बार की सांसद मेनका को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।
गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली स्मृति ईरानी ने राजनीति में अपना कद काफी ऊंचा किया है।
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को एक बार फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उन्होंने नई सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है।
भारतीय राजनयिक जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक देश के विदेश सचिव रहे। उन्होंने चीन के साथ बातचीत के माध्यम से डोकलाम गतिरोध को हल करने में मदद की थी।
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान 2014 की मोदी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे और इस बार भी उन्हें मंत्रीमंडल का हिस्सा बनाया गया है।
साल 2014 जब दस साल बाद भारतीय जनता पार्टी केंद्र की सरकार में लौटी थी, तब राजनाथ सिंह ही भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष थे। राजनाथ सिंह दो बार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।
बिहार में जेडीयू भाजपा की मुख्य सहयोगी पार्टी रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 17 सीट और जेडीयू ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज के दोबार मंत्रिमंडल में शामिल होने या ना होने को लेकर स्थिति साफ हो गई है। इस सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को नरेंद्र मोदी सरकार मंत्री बनाया गया है।
नरेंद्र मोदी की नई सरकार में BJP की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ ली।
नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण का काउंटडाउन शुरू हो चुका है लेकिन उससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पीएम आवास पर प्रधानमंत्री मोदी से मिले। दोनों के बीच ये मुलाकात करीब डेढ़ घंटे चली। पीएम आवास से ही शाह ने उन सांसदों को फोन किया जिनको आज मंत्री बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री का शपथ-ग्रहण समारोह 30 मई को होने की उलटी गिनती शुरू होने के बाद प्रतिष्ठित मंत्रालयों के लिए कई नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी सरकार की नई कैबिनेट में जेडीयू शिवसेना के दो मंत्री शामिल हो सकते हैं।
खराब सेहत की वजह से वित्त मंत्री अरुण जेटली के नई सरकार में मंत्री बनने की संभावना नहीं लगती। सूत्रों के मुताबिक जेटली को अपनी एक बीमारी, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, के इलाज के लिए अमेरिका या ब्रिटेन जाना पड़ सकता है
लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने के बाद सभी निगाहें अब सरकार के गठन पर टिक गई है। ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही है कि सरकार में अमित शाह समेत कई नए चेहरों को स्थान दिया जा सकता है।
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