राजनाथ सिंह लखनऊ से लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। इस बार उन्होंने कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णन और समाजवादी पार्टी की पूनम सिन्हा को बड़े अंतर से हराया है।
आज शाम करीब साढ़े पांच बजे साउथ ब्लॉक में मोदी कैबिनेट की पहली बैठक होगी।
भाजपा का जो भी नया अध्यक्ष होगा, उसके सामने चुनौतियों का अंबार होगा। सबसे पहले तो नए अध्यक्ष पर इसी साल होने वाले तीन राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा सत्ता में आई नयी सरकार में वुमन पावर का जोर दिखाई दिया। बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हुए भव्य शपथ ग्रहण समारोह में अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी समेत छह महिला मंत्रियों ने शपथ ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट चुन ली है। गुरुवार को एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 57 मंत्रियों ने शपथ ली। जिसमें 24 कैबिनेट, नौ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 अन्य ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नई सरकार का गठन हो गया है। गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। मोदी कैबिनेट में कुल 57 मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें 36 ऐसे मंत्री हैं जिनपर प्रधानमंत्री ने दूसरी बार भरोसा जताया है।
नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक शुक्रवार की शाम को होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी कोई निश्चित एजेंडा नहीं है और इसमें संसद का सत्र आहूत करने की संभावित तारीख तय की जा सकती है।
जोधपुर लोकसभा सीट पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मात देने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी मंत्री पद मिला है।
राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण और प्रकाश जावड़ेकर उन 36 मंत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने बृहस्पतिवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। इसके अलावा 20 सांसदों ने पहली बार कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
ओडिशा की बालासोर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए प्रताप चंद्र सारंगी को भी नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। इन्हें राज्यमंत्री का प्रभार मिला है।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित यह समारोह अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम था और शपथ ग्रहण समारोह करीब दो घंटे तक चला। शपथ ग्रहण समारोह ठीक समय पर शाम सात बजे शुरू हुआ। लेकिन लोग काफी पहले ही आने लगे थे और अपनी आवंटित सीटों पर बैठने लगे थे। लाखों लोग इस समारोह को टीवी तथा अन्य माध्यमों से देख रहे थे। एक के बाद एक मंत्रियों के शपथ लेने के साथ ही शाम रात्रि में बदल गयी और खूबसूरत राष्ट्रपति भवन रंगीन रौशनियों से जगमगा उठा।
नई सरकार के मंत्रिमंडल में कई पुराने चेहरों को जगह नहीं दी गई। कम से कम नौ कैबिनेट मिनिस्टर ऐसे हैं जो आज मोदी सरकार का हिस्सा नहीं हैं। इनके अलावा चार स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री और 22 राज्य मंत्री भी मोदी सरकार में शामिल नहीं हुए है।
मंत्रिपरिषद में सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, राधा मोहन सिंह, महेश शर्मा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, सत्यपाल सिंह, के जे एलफोंस को नई सरकार में स्थान नहीं मिला है । नई सरकार में उमा भारती और मनोज सिन्हा भी शामिल नहीं हैं । सुषमा और उमा ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा जबकि मनोज सिन्हा चुनाव हार गए ।
पिछली सरकार में विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज के काम की काफी तारीफ हुई थी। वह तुरंत एक्शन के लिए पहचानी जाती है।
राजनीति में शामिल होने से पहले 68 वर्षीय जनरल सिंह सेनाध्यक्ष थे। वे परम विशिष्ट सेवा मैडल, अति विशिष्ट सेवा मैडल, युद्ध सेवा मैडल जैसे सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं । वह 31 मार्च 2010 में सेनाध्यक्ष बने और 31 मई 2012 को इसी पद से सेवानिवृत्त हुए। जनरल सिंह एक मार्च 2014 को भाजपा में शामिल हुये और 2014 लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और विजयी हुए।
रामविलास पासवान के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 के दशक में बिहार विधानसभा के सदस्य के तौर पर हुई और आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों से वह तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने हाजीपुर सीट पर चार लाख मतों के रिकार्ड अंतर से जीत हासिल की।
नितिन गडकरी टाइम बाउंड तरीके से काम पूरा करने में मशहूर हैं। पिछली सरकार में उन्होंने गंगा की सफाई में तेजी लाई और देशभर में सड़कों का जाल बिछाया। माना जाता है कि पिछली सरकार में गडकरी का काम सबसे ज्यादा पंसद किया गया था।
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पीयूष गोयल वित्त और रेल जैसे महत्वपूर्ण संभाल चुके हैं। उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय नेताओं में से एक माना जाता है।
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं। सत्रों ने बताया कि आठ बार की सांसद मेनका को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।
गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली स्मृति ईरानी ने राजनीति में अपना कद काफी ऊंचा किया है।
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