मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ. बलबीर सिंह के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson vaccine) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी एक ही शॉट लगेगी।
यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना कंपनी के कोविड वैक्सीन को मंजूरी देने का निर्णय किया है। यह पहली बार है जब वैक्सीन को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुमति मिली है।
भारत को जल्द ही कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ एक और 'हथियार' मिलने वाला है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोविड-19 वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस (COVAX) कार्यक्रम के जरिए भारत को मॉडर्ना वैक्सीन की 7.5 मिलियन (75 लाख) खुराकों की पेशकश की गई है।
मुंबई की दवा कंपनी सिप्ला को आपात उपयोग के लिए माडर्ना की कोरोना वैक्सीन के आयात की अनुमति दे दी है।
‘मॉडर्ना’ ने यह भी सूचित किया है कि अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार को उपयोग के लिए ‘कोवैक्स’ के माध्यम से ‘मॉडर्ना’ के कोविड-19 रोधी टीके की निश्चित संख्या में खुराक दान करने को सहमति व्यक्त की है।
अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में दावा किया गया था कि फाइजर और मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन से बच्चे पैदा करने की ताकत कम हो रही है जिसके बाद हाल में ही इस बात को लेकर एक अध्ययन किया गया।
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फौसी के अनुसार, जिन लोगों को कोरोनावायरस के खिलाफ टीका लगाया गया है, उन्हें सुरक्षित रहने के लिए बूस्टर शॉट की आवश्यकता होगी।
विदेशी फार्मा कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को भी वैक्सीन देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों ने हमें सीधे वैक्सीन बेचने से मना कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले मॉडर्ना ने पंजाब सरकार को भी यही जवाब दिया था।
फाइजर ने दावा किया है कि फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 टीका बारह से पंद्रह साल के बच्चों पर 100 फीसदी असरदार है। बता दें कि अमेरिका में 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के युवाओं को फाइजर की वैक्सीन दी जा रही है।
बच्ची के जन्म के तुरंत बाद उसका ब्लड सैंपल लिया गया था, जिसमें यह बात सामने आई।
कैलिफोर्निया के राज्य महामारीविद ने राज्य में कोविड-19 के ‘मॉडर्ना’ टीके के एक लॉट के इस्तेमाल को रोकने की अपील की है।
अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया है कि उसे उम्मीद है उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पर भी काम करेगी। कंपनी ने कहा कि वह किसी भी स्ट्रेन के खिलाफ अपनी वैक्सीन के असर की पुष्टि करने के लिए टेस्टिंग करने की योजना बना रही है।
कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर टूटा हुआ है और अब हर किसी को वैक्सीन का इंतजार है। इसके साथ ही लोग यह भी जानना चाहते हैं कि वैक्सीन के आने के बाद उसकी कीमत क्या होगी।
जिस वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया को है, ट्रायल में वो कितनी प्रभावशाली निकली हैं और इसका पहला टीका लगने में अभी कितनी देर है, इंडिया में ये कब तक आ सकती है और आएगी तो कितनी प्रभावी होगी।
डॉ स्टीफन हौज, मॉडर्न के अध्यक्ष, ने इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर का स्वागत किया लेकिन कहा कि दो अलग-अलग कंपनियों के समान परिणाम होना सबसे अधिक आश्वस्त करने वाला है।
कंपनी ने सोमवार को दावा है कि यह वैक्सीन दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है।
लेकिन हल्के साइड इफेक्टस के बावजूद Sputnik V वैक्सीन लेने वाले सभी मरीजों में केरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुआ है जो एक राहत की बात है और इससे पता चलता है कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सफल हो रही है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत कर रही है।
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