मिजोरम विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसमें राज्य में सत्ता में आने पर 750 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, 2,000 रुपये प्रति माह की वृद्धा पेंशन, 15 लाख तक स्वास्थ्य बीमा कवरेज की बात कही गई है।
मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 3 दिसंबर को बाकी चारों राज्यों के साथ ही मिजोरम के चुनावी परिणाम सामने आएंगे।
राहुल गांधी ने मिजोरम में आज बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत होगी, क्योंकि लोगों में बीजेपी के प्रति बहुत गुस्सा है।
सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने पिछले महीने राज्य की सभी 40 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी लेकिन उसमें लालरिनलियाना सेलो का नाम नहीं था।
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने तुइचावंग सीट शांति जीबन चकमा को कैंडिडेट बनाया है। ये वही सीट है जिसपर आखिरी प्रत्याशी की घोषणा बाकी थी। जेडपीएम ने जुलाई में बाकी की विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए थे।
ये नेता मूल रूप से जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) से जुड़े थे, लेकिन 2018 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय जेडपीएम पार्टी राजनीतिक दल के रूप में रजिस्टर्ड नहीं थी।
मिजोरम के पूर्व मंत्री के. बेइचुआ ने राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सत्तारूढ़ MNF ने बेइचुआ को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
मिजोरम में हाल के कुछ ही हफ्तों में सैकड़ों करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी गई हैं और अक्सर इनकी तस्करी में म्यांमार के नागरिकों को लिप्त पाया गया है।
मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन बुखार की वजह से सुअरों की आफत आ गई है और उन्हें मारा जा रहा है। वहीं राज्य को पहली और दूसरी लहर के दौरान 534.42 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ज़ोरमथांगा सरकार को निर्देश दिए थे कि राज्य में शरण लेने वाले म्यांमार के शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र किया जाए। लेकिन अब मिजोरम सरकार की कैबिनेट ने ये फैसला किया है कि राज्य सरकार इस आदेश का पालन नहीं करेगी।
बीते कुछ समय से मिजोरम में ड्रग्स का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है। राज्य में प्रशासन द्वारा समय-समय पर कई लोगों को तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अब असम राइफल्स और नारकोटिक्स ने ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी है।
मिजोरम के चम्फाई जिले में एक बार फिर ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है और एक विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस इलाके में विभिन्न विभागों की सक्रियता के चलते लगातार ड्रग्स की खेपें जब्त हो रही हैं।
मिजोरम में ड्रग तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए असम राइफल्स ने 30 करोड़ रुपये की मेथामफेटामाइन टैबलेट को जब्त किया है और एक विदेशी तस्कर को गिरफ्तार किया है।
मिजोरम की एक जिला अदालत ने गुरुवार को 38 साल की एक महिला को अपनी भतीजी की हत्या के लिए 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के अधिकारी ने बताया कि अगर चिंगसियान्जोवी जुर्माना अदा करने में विफल रहती है तो उसे एक साल की और कैद भुगतनी होगी।
मिजोरम में इस साल जनवरी से अगस्त तक 8 माह में कुल 179 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किए जा चुके हैं। सूबे में जब्त होने वाली ड्रग्स में हेरोइन, मेथमफेटामाइन और गांजा शामिल हैं।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दुनिया भर के कई देश भारत के विपरीत हथियारों के माध्यम से अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं।
मिजोरम में म्यांमार बॉर्डर के पास असम राइफल्स और आबकारी एवं नार्कोटिक्स विभाग की संयुक्त टीम ने भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त की है।
मिजोरम चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव से संबंधित समस्याओं पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में 95 मतदान केंद्रों को महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
मिजोरम में विपक्षी दल जेडपीएम और एचपीसी ने गठबंधन किया है और विधानसभा चुनाव को साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की है।
इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन्हीं चुनावों के मद्देनजर अब मिजोरम के दौरे पर निर्वाचन आयोग पहुंचेगा।
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