मरुस्थल राजस्थान (Rajasthan) में भी इस समय ठंड का प्रकोप देखा जा सकता है। राजस्थान में इस समय ज्यादातर जिले कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। यहां पिछले 24 घंटे में कई शहरो में रात के समय तापमान (temperature) में गिरावट दर्ज की गई है।
इंडिया टीवी के पत्रकार ने सिंघू सीमा के पास रहने वाले किसानों से बात की जहां कृषि कानून का विरोध वर्तमान में चल रहा है। किसानों ने बिल के पक्ष में बोलते हुए प्रदर्शन के रहे किसानों से आग्रह किया कि वे सरकार की कम से कम एक बार सुनें और फिर फैसला लें।
शुक्रवार को राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के साथ नए साल का आगाज हुआ। नए साल के पहले दिन कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है।
मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तामपान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार को तामपान छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
Cold Wave: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में शीतलहर चलने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं, बृहस्पतिवार सुबह घना कोहरा छाए रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में रात के तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने वाला है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में करीब साढ़े 7 घंटे किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेताओं ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। तोमर ने कहा कि किसानों से अब सिर्फ 2-3 मुद्दों पर बात होनी है। किसानों में मंडी को लेकर चिंता है। सरकार ने भरोसा दिया है कि मंडियो को और मजबूत करेंगे। सिविल कोर्ट जाने की किसानों की मांग पर विचार किया जाएगा। फसल खरीदने वाले व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन होगा। तोमर ने कहा कि सरकार नए कृषि कानून में कुछ बदलाव करने को तैयार है।
किसान सरकार द्वारा तय एमएसपी पर फसलों की गारंटी की मांग कर रहे हैं। मगर, एमएसपी की गारंटी देने पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा एमएसपी पर ही खर्च होगा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से सोमवार से न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने का अनुमान है।
राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जब आप न्यूनतम मजदूरी बढ़ाते हैं, तो कुछ व्यवसाय बंद हो जाते हैं।
कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी पर खरीद पहले भी की जा रही थी, अब भी की जा रही है और इसे भविष्य में भी किया जाएगा। किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है।
संजय झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में APMC एक्ट को खत्म किए जाने की बात कही थी और मोदी सरकार ने किसान बिल में यही किया है।
केंद्र सरकार ने 24 अगस्त तक वेतन के लिए प्रस्तावित कानून पर सुझाव और आपत्तियां मांगे
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
शिमला में मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुफ्री और डलहौजी में बृहस्पतिवार से क्रमश: 10 सेंटीमीटर और पांच सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में भी हल्की बर्फबारी हुई। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले कुछ दिनों में पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी और मैदान में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है।
पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में कुफरी, मनाली, सोलन, भुंतर, सुंदरनगर, सोबघ और कल्पा में तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। राज्य में दिन का सबसे कम तापमान केलांग में शून्य से नीचे 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कर्मचारियों को अप्रैल से सितंबर अवधि के लिए बढ़े महंगाई भत्ते का बकाया भी मिलेगा। इसके अलावा उन्हें एक महीने की मजदूरी के बराबर दिवाली बोनस भी दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 325 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने को अपनी अनुमति दे दी है।
सरकार ने वेतन संहिता 2019 को अधिसूचित कर दिया है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर 50 करोड़ श्रमिकों को अनिवार्य रूप से न्यूनतम वेतन मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रपति ने आठ अगस्त को इसे मंजूरी दे दी थी। इसके बाद सरकार ने इस संहिता को अधिसूचित कर दिया।
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