MSP Committee: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) को ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है।
85,483.25 करोड़ रुपये की एमएसपी के साथ चालू रबी विपणन वर्ष की खरीद से लगभग 49.07 लाख किसानों को लाभ मिला है।
इंडिया टीवी के पत्रकार ने सिंघू सीमा के पास रहने वाले किसानों से बात की जहां कृषि कानून का विरोध वर्तमान में चल रहा है। किसानों ने बिल के पक्ष में बोलते हुए प्रदर्शन के रहे किसानों से आग्रह किया कि वे सरकार की कम से कम एक बार सुनें और फिर फैसला लें।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में करीब साढ़े 7 घंटे किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेताओं ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। तोमर ने कहा कि किसानों से अब सिर्फ 2-3 मुद्दों पर बात होनी है। किसानों में मंडी को लेकर चिंता है। सरकार ने भरोसा दिया है कि मंडियो को और मजबूत करेंगे। सिविल कोर्ट जाने की किसानों की मांग पर विचार किया जाएगा। फसल खरीदने वाले व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन होगा। तोमर ने कहा कि सरकार नए कृषि कानून में कुछ बदलाव करने को तैयार है।
किसान सरकार द्वारा तय एमएसपी पर फसलों की गारंटी की मांग कर रहे हैं। मगर, एमएसपी की गारंटी देने पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा एमएसपी पर ही खर्च होगा।
कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी पर खरीद पहले भी की जा रही थी, अब भी की जा रही है और इसे भविष्य में भी किया जाएगा। किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है।
संजय झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में APMC एक्ट को खत्म किए जाने की बात कही थी और मोदी सरकार ने किसान बिल में यही किया है।
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 325 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने को अपनी अनुमति दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए फसलों के समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को भी सरकार ने खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का ऐलान किया है और 2 महीने पहले ही मोदी सरकार को सत्ता में आए हुए 4 साल हुए हैं, ऐसे में नजर डालते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में कितनी बढ़ोतरी हुई है
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है, खरीफ मार्केटिंग सीजन 2018-19 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी गई है जिसके तहत धान का समर्थन मूल्य 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
केंद्र सरकार ने बजट में किसानों की फसलों के लिए उनकी लागत से डेढ़ गुना ज्यादा समर्थन मूल्य देने की जो घोषणा की थी उसके तहत आज खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य (MSP) का ऐलान हो सकता है। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार 14 प्रमुख खरीफ फसलों के लिए 2018-19 मार्केटिंक वर्ष का समर्थन मूल्य घोषित कर सकती है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी 14 खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में पिछले साल के मुकाबले जोरदार बढ़ोतरी होने की उम्मीद है
सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले किसानों को लुभाने के लिए खरीफ फसल में लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए बढ़ाकर 1,750 रुपए प्रति क्विंटल कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 13 अन्य खरीफ फसलों के एमएसपी में भी अच्छी वृद्धि किए जाने का अनुमान है।
देश के सबसे बड़े चना उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस साल राज्य में 11.27 लाख टन चना खरीदने की घोषणा की है। किसी एक सीजन में एक राज्य से केंद्र की तरफ से होने वाली यह अबतक की सबसे बड़ी दलहन खरीद होगी
किसानों को उनकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त हो यह सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्रालय एक नई नीति पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए शीघ्र ही कैबिनेट नोट जारी करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि फसलों की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करते समय किसान के श्रम सहित उसके द्वारा किए गए प्रत्येक खर्च को ध्यान में रखा जाएगा।
सरकार चने के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए करीब 7 प्रतिशत निर्यात प्रोत्साहन देने की घोषणा कर सकती है। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद चने की कीमतो को समर्थन मूल्य के ऊपर पहुंचाना है
नीति आयोग ने कहा है कि वह देश में विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने हेतु एक व्यवस्था को तैयार करेगा।
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