नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभाव से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका भी चौकन्ना हो गया है।
आपको बता दें कि हाल के कुछ महीनों में अमेरिका और चीन के संबंध बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और दोनों देशों के बीच कड़े व्यापार युद्ध की आशंका बनी हुई है।
अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित ईरान से तेल खरीदने वाले अन्य देश चार नवंबर को ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें। इस दिन के बाद अमेरिका की ओर से ईरान पर प्रतिबंध लागू हो जायेंगे।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सियोल पहुंचने के पहले रविवार को प्योंगयोंग में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ वार्ता में हुई ‘‘प्रगति’’ की सराहना की।
न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक रद्द होने का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पीछे हट गया।
दोनों देश अपने संबंधों में आई खटास को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो अक्टूबर में उत्तर कोरिया जाएंगे। उनका यह दौरा ट्रंप और किम जोंग उन के बीच दूसरी बैठक को लेकर तैयारियों से जुड़ा हुआ है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका 2021 तक पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण और संबंधों में सुधार के लिए उत्तर कोरिया से तुरंत बातचीत करने को तैयार है।
डोभाल पिछले सप्ताह नई दिल्ली में भी पोम्पिओ और मैटिस से मिले थे। पुष्ट सूत्रों ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘तीन लगातार बैठकों के दौरान डोभाल को ‘टू प्लस टू’ वार्ता के बाद पूरे द्विपक्षीय संबंध की समीक्षा करने का अच्छा मौका मिला।
भारत उन देशों में से एक है जिसे भारत-अमेरिका संबंधों की सामरिक प्रकृति, चाबहार बंदरगाह की सामरिक महत्ता और उसकी तेजी से बढ़ती ऊर्जा जरुरतों के कारण कुछ छूट मिल सकती है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हुई “बेहद सफल” पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक बदलाव को दर्शाती है साथ ही यह भी दिखाती है कि इनके बीच रक्षा सहयोग सही रास्ते पर है।
पॉम्पियो ने कहा कि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन उनका प्रयास है कि भारत जैसे प्रमुख रक्षा भागीदार को दंडित नहीं किया जाए
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