90 लाख लोग या कनाडा की आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा 2030 तक सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंच जाएगा, जो अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में श्रमिकों की तत्काल कमी पैदा करेगा।
Migrants in Switzerland: अधिकारियों ने पाया कि वैन में माल रखने वाली जगह में प्रवासियों को ठूंस ठूंस कर भरा हुआ था और वहां खिड़की भी नहीं थी। पुलिस ने कहा कि प्रवासी वैन में खड़े होकर सफर कर रहे थे, जिसके दरवाजे बंद थे और वह लगातार कई घंटों से बिना रुके चल रही थी।
Indian Migrant Workers: सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को सूचित किया कि कोविड महामारी के दौरान जून 2020 से दिसंबर 2021 के बीच ‘ECR’ देशों से कुल 4,23,559 भारतीय प्रवासी कामगार वापस आए।
Indian Citizen Migration: संसद का मानसून सत्र चल रहा है, इस सत्र के दौरान गृह मंत्रालय ने भारत की नागरिकता छोड़ने वाले लोगों का एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े को देखकर आप हैरान हो जाएंगे। संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं।
मंत्री ने बॉर्डर के पास मृत मिले शरणार्थियों के बारे में और विवरण नहीं दिया, लेकिन बरामद किए गए शवों में से 8 की कुछ धुंधली तस्वीरें साझा कीं।
दरअसल दिल्ली में सोमवार को सरकार मौजूदा कोरोना स्थिति पर एक बैठक करेगी, इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा और लॉकडाउन लगेगा या नहीं इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि सरकार अपनी तरफ से इंकार कर रही है।
कुछ मजदूरों ने बताया कि उनकी मजदूरी का भुगतान हो गया है वहीं कुछ ने कहा कि उनके नियोक्ताओं ने बिना बकाया मजदूरी का भुगतान किए उन्हें घाटी से जबरन भगा दिया।
योगी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के हर जिले और कस्बे में विकास योजनाओं को पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है।
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन के समय प्रवासियों के संकट से निपटने के ‘अक्षम्य’ तौर-तरीके के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रमिकों से माफी मांगनी चाहिए।
प्रवासी मजदूर कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाए जाने के कारण संकट का सामना कर रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार के सुस्त पड़ने के साथ ही राज्य के प्रवासी मजदूर फिर से 'परदेस' की ओर जाने लगे हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के धीरे धीरे खत्म होने के साथ प्रवासी मजदूर काम की तलाश में एक बार फिर दिल्ली की ओर रुख कर रहें हैं। वहीं दिल्ली में अनलॉक प्रक्रिया के तहत इन सभी को फिर से जिंदगी पटरी पर लौटने की उम्मीद बनी हुई है।
कोरोना वायरस के कारण पिछले साल लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते यात्री ट्रेन सेवाओं में भारी कटौती के बावजूद 2020 में करीब 8,700 लोगों की रेलवे पटरियों पर कुचले जाने से मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि वो असंगठित क्षेत्रों में श्रमिकों के पंजीकरण के मुद्दे पर केंद्र के साथ-साथ राज्यों के प्रयासों से भी संतुष्ट नहीं है।
दिहाड़ी मजदूरों, प्रवासियों और निर्माण मजदूरों की जरूरत को पूरा करने के लिए पूरे दिल्ली में स्कूलों और निर्माण स्थलों पर भोजन वितरण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में पैसे डालने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।
इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि वर्तमान में प्रवासी श्रमिकों का सामूहिक पलायन एक गंभीर मुद्दा है और इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र को मिलकर इस समस्या को हल करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश वापस लौट रहे प्रवासी कामगारों के लिए यूपी सरकार ने प्रोटकॉल जारी किया है।
। लौटे प्रवासी मजदूरों को अब काम की चिंता सताने लगी है। कोई किसानी की बात कर रहा है, तो कई लोग मजदूरी की बात कर रहे हैं।
कोरोना मामलों के देश में तेजी से बढ़ने के डर से मुंबई में कई प्रवासी कामगार अपने गृह राज्यो की तरफ़ जाते दिखे | महाराष्ट्र, जो कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, वहां मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
संपादक की पसंद