नोएडा सेक्टर 50 में रहने वाली 12 साल की निहारिका द्विवेदी ने मानव सेवा की अनोखी मिसाल पेश की है।
बिहार सरकार ने प्रदेश लौटने वाले श्रमिकों को 14 दिन पृथक-वास में रखने के लिए उनका पंजीकरण सोमवार से बंद कर दिया है क्योंकि देश भर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गयी है।
सोनू सूद लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कांग्रेस ने बस के नाम पर प्रवासी श्रमिकों के साथ भद्दा मजाक किया, जिंदगी भर इन्होंने देश की जनता के साथ चीटिंग की।
पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा ने सोनू सूद की इस नेक काम के लिए तारीफ की है। उन्होंने उनकी डेब्यू फिल्म के भगत सिंह के लुक में तस्वीर शेयर की है।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार उनकी मदद कर रहे हैं।
सोनू ट्विटर पर भी काफी एक्टिव हैं। वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी प्रवासी मजदूरों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। इस वजह से लोग जहां हैं, वहीं फंस गए हैं।
यह स्पष्टीकरण तब आया है जब विलंब को लेकर यहां तक कह दिया गया कि प्रवासी ट्रेनें अपने गंतव्य पर पहुंचने से पहले ही गायब हो रही हैं। यादव के अनुसार 28 मई तक 3840 ट्रेनों ने 52 लाख यात्रियों को पहुंचाया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने तीन-तीन लाख नौकरियों की व्यवस्था करेंगे, जबकि नरेडको और लघु उद्योग भारती ने ढाई-ढाई लाख नौकरियों का सृजन करेंगे।
27 मई तक 19,04,784 प्रवासी पहुंच चुके हैं। 27 मई के बाद से 31 मई तक कुल 160 और ट्रेनों से 2,64,000 लोग प्रदेश में लौटने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में बृहस्पतिवार की शाम को दिल्ली से गांव लौटे एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई। प्रवासी मजदूर पीर अली दिल्ली में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अब उन्होंने केरल में फंसी लड़कियों की भी मदद की है।
श्रमिक विशेष ट्रेनों में लोगों की मौत की खबरों के मद्देनजर उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि वे पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो वे इन ट्रनों में यात्रा नहीं करें।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं।
अवनीश अवस्थी ने बताया, ‘‘ट्रेनों और बसों से प्रवासी कामगारों को वापस लाने का पूरा अभियान अगले दो-तीन दिन में समाप्त हो जाएगा। अभी तक करीब 26 से 27 लाख प्रवासी लौटे हैं।’’
शुक्रवार को यूपी सरकार विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ बड़े करार करने जा रही है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि लॉकडाउन के बीच अपने घर वापस वापस लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की बदहाली यह जाहिर करती है कि केंद्र और राज्य सरकारों को उनकी कोई फिक्र नहीं है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 80 प्रतिशत प्रवासी मज़दूर यूपी और बिहार के हैं। 1 से 27 मई के बीच 3700 श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं और 50 लाख प्रवासी मज़दूरों को अब तक शिफ़्ट किया जा चुका है।
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