उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अनाज राज्य के लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है, जबकि भूख किसी लिंग, धर्म या राजनीतिक विचारधारा से जुड़ा नहीं होता है।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में जारी लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के मजूदरों का वापस लाने का फैसला लिया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को केन्द्र सरकार से अपील की कि जिस तरह कोटा से छात्रों को भेजने का प्रबंध किया, ठीक उसी तरह प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों तक भेजा जाए ।
देश में जारी लॉकडाउन के बीच अपना रोजगार खो चुके मजदूरों की अपनों से जा मिलने की आस पूरी करने की पहाड़ सी जद्दोजहद का सिलसिला जारी है। ताजा मामला बलरामपुर का है, जहां सात श्रमिक 700 किलोमीटर पैदल चलकर सोमवार को अपने घर पहुंचे।
बिहार सरकार जहां इस संकट के दौर में रोजगार के लिए बाहर गए लोगों को उसी राज्य में हरसंभव मदद देने का दावा कर रही है, वहीं इसी मुद्दे को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और जद (यू) के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
यह समूह तब तक यहां रुकेगा जब तक कि दोनों राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही शुरू न हो जाए।
ट्रेन के डिब्बे में बैठा कोरोना वायरस से संक्रमित एक मजदूर कोच के अंदर बैठे अधिकांश मजदूरों में इसे फैला सकता है। यहां तक कि अगर मजदूर अपने ठिकाने पर पहुंच भी जाते हैं, तो वे वायरस के एक सुपर स्प्रेडर के रूप में अपने गांवों और कस्बों में मौजूद रहेंगे जहां शायद ही डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हों। सरकार स्पेशल ट्रेनें चलाकर हजारों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शहर में रह रहे प्रवासी मजदूरों और लोगों से अपील की है कि वो किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाएंगे। उनकी बातों में न आएं।
सूरत में बंद के बीच घर जाने की इजाजत नहीं मिलने से नाराज प्रवासी मजदूरों द्वारा तोड़फोड़ और ठेलों में आग लगाए जाने के बाद पुलिस ने उनमें से करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया।
मंत्रायल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग हल्के से मध्यम श्वसन रोग का अनुभव करते हैं और किसी विशेष उपचार की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाते हैं।
कोरोना वायरस के प्रकोप और सामाजिक दूरी के बारे में मीडिया के अभियान को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों ने प्रवासी मजदूरों को पृथक रहने के दौरान पेड़ों को अपना घर बनाने के लिए कहा।
बिहार में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं जिनके रहने , भोजन और चिकित्सकीय जांच के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केंद्र स्थापित किए हैं।
Lockdown: बस अड्डे पर बस पकड़ने के लिए लगी भीड़
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें दूर करने और उनकी हर तरह की सहायता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री ने कहा कि इसके हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को एक नया आदेश जार कर शराब दुकान मालिकों को लॉकडाउन का पालन करने के लिए 14 अप्रैल तक अपनी-अपनी दुकाने बंद रखने का निर्देश दिया है।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर ट्वीट कर कहा है कि सरकार इस भयावह हालत की ज़िम्मेदार है।
प्रवासी मजदूर अक्सर गर्मी के दिनों में दिल्ली से वापस अपने गृह राज्य चले जाते हैं, लेकिन इस बार कुछ मजदूर वोट डालने के लिए यहां रुके रहे।
गुजरात से यूपी और बिहार के लोगों का पलायन जारी है। वहीं बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुजरात में बसे उत्तर भारतीयों को हिम्मत से काम लेने को कहा है
राज्य के कई हिस्सों में गैर-गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
अरब खाड़ी देशों के अरबों डॉलर के निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे दक्षिण एशिया के कामगारों को स्थानीय कंपनियों में अपनी नियुक्ति की फीस खुद चुकानी पड़ रही है।
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