देश में जारी लॉकडाउन के बीच अपना रोजगार खो चुके मजदूरों की अपनों से जा मिलने की आस पूरी करने की पहाड़ सी जद्दोजहद का सिलसिला जारी है। ताजा मामला बलरामपुर का है, जहां सात श्रमिक 700 किलोमीटर पैदल चलकर सोमवार को अपने घर पहुंचे।
राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर उनकी आवाजाही के लिए कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। जो प्रवासी मजदूर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राहत शिविरों में रह रहे हैं, उनका पंजीकरण संबंधित स्थानीय प्राधिकरण को करना होगा।
माइग्रेंट फ्लेमिंगो के झुंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बिहार सरकार जहां इस संकट के दौर में रोजगार के लिए बाहर गए लोगों को उसी राज्य में हरसंभव मदद देने का दावा कर रही है, वहीं इसी मुद्दे को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और जद (यू) के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
यह समूह तब तक यहां रुकेगा जब तक कि दोनों राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही शुरू न हो जाए।
ट्रेन के डिब्बे में बैठा कोरोना वायरस से संक्रमित एक मजदूर कोच के अंदर बैठे अधिकांश मजदूरों में इसे फैला सकता है। यहां तक कि अगर मजदूर अपने ठिकाने पर पहुंच भी जाते हैं, तो वे वायरस के एक सुपर स्प्रेडर के रूप में अपने गांवों और कस्बों में मौजूद रहेंगे जहां शायद ही डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद हों। सरकार स्पेशल ट्रेनें चलाकर हजारों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आख़िर हर बार हर विपत्ति गरीबों और मजदूरों पर ही क्यों टूटती है? उनकी स्थिति को ध्यान में रखकर फैसले क्यों नहीं लिए जाते?
अधिकारी ने बताया कि उस पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 117 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शहर में रह रहे प्रवासी मजदूरों और लोगों से अपील की है कि वो किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाएंगे। उनकी बातों में न आएं।
सूरत में बंद के बीच घर जाने की इजाजत नहीं मिलने से नाराज प्रवासी मजदूरों द्वारा तोड़फोड़ और ठेलों में आग लगाए जाने के बाद पुलिस ने उनमें से करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया।
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति अगर कोई काम करना चाहे तो इससे उसकी पीड़ा बढ़ती है। लगातार दर्द बना रहता है। इसका इलाज आसान नहीं। ऐसे में स्वामी रामदेव से जानें कुछ बेहतरीन योगासन।
माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जो आसानी से ठीक नहीं होती है। इसके बावजूद भी लोग इसे हल्के में ले लेते हैं। खानपान पर सही ध्यान न देना माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है।
मंत्रायल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग हल्के से मध्यम श्वसन रोग का अनुभव करते हैं और किसी विशेष उपचार की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाते हैं।
कोरोना वायरस के प्रकोप और सामाजिक दूरी के बारे में मीडिया के अभियान को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों ने प्रवासी मजदूरों को पृथक रहने के दौरान पेड़ों को अपना घर बनाने के लिए कहा।
बिहार में अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे हैं जिनके रहने , भोजन और चिकित्सकीय जांच के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सीमा आपदा राहत केंद्र स्थापित किए हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के अबतक 55 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 11 लोग ठीक भी हुए हैं। लेकिन राज्य में जिस भीड़ में शहरों से लोग अपने गांवों की तरफ लौट रहे हैं उससे उनके संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है और अगर वे गांव पहुंचते हैं तो गांवों के लोगों के भी संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाएगी।
Lockdown: बस अड्डे पर बस पकड़ने के लिए लगी भीड़
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें दूर करने और उनकी हर तरह की सहायता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री ने कहा कि इसके हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को एक नया आदेश जार कर शराब दुकान मालिकों को लॉकडाउन का पालन करने के लिए 14 अप्रैल तक अपनी-अपनी दुकाने बंद रखने का निर्देश दिया है।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर ट्वीट कर कहा है कि सरकार इस भयावह हालत की ज़िम्मेदार है।
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