अगर सौ लोग कोरना वायरस को लेकर सरकार के निर्देशों का पालन करते हैं और उनमें से एक भी लापरवाही बरतता है, तो सारे प्रयास बेकार हो जाते हैं। सारे लोगों की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
महाराष्ट्र से ट्रक में प्लास्टिक की एक बड़ी शीट के नीचे छुपकर उत्तर प्रदेश जा रहे कम से कम 30 प्रवासियों ने सभी चौकियों पर पुलिस को चकमा देते हुए 1,500 किमी यात्रा कर ली।
मध्यप्रदेश में अलग-अलग घटनाओं में पिछले 24 घंटे में दो विशेष ट्रेनों में यात्रा कर रहे दो यात्रियों की मौत हो गयी।
अभी तक चलाई गई 542 ट्रेनों में से 448 अपने गंतव्य पर पहुंच गई हैं और 94 रास्ते में हैं। गंतव्य पर पहुंची 448 ट्रेनों में से 221 उत्तर प्रदेश पहुंची।
केन्द्र ने सोमवार को कहा कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के वास्ते अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा।
पुणे से मध्यप्रदेश के लिए जाने वाली एक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी के लिए 300 प्रवासी कामगारों ने रविवार को यात्रा के लिए रिपोर्ट नहीं की और उत्तराखंड जाने वाली रेलगाड़ी के लिए 80 श्रमिकों ने रिपोर्ट नहीं की।
लॉकडाउन के दौरान अधिक से अधिक प्रवासियों को घर पहुंचाने के प्रयास में रेलवे ने अब ‘श्रमिक विशेष’ गाड़ियों में 1200 की जगह 1700 यात्रियों को भेजने का निर्णय किया है और तीन स्थानों पर इन ट्रेनों का ठहराव होगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई राज्यों में श्रम कानूनों में संशोधन किए जाने की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना संकट श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता।
बिहार में अन्य राज्यों से पहुंचे प्रवासी मजदूरों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है।
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नेशनल हाइवे-44 पर पाठा गांव के पास एक सड़क हादसे में 5 मजदूरों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए।
पश्चिम बंगाल से झारखंड लौट रहे 20 प्रवासी श्रमिक उस समय बाल बाल बच गए जब वे रेल पटरियों पर पैदल जा रहे थे और एक नदी के ऊपर बने पुल पर रेलवे का निरीक्षण यान उनके सामने आ गया।
बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि उसने दिल्ली से प्रवासी कामगारों को बिहार भेजने पर आने वाला खर्च वहन करने का दावा किया है।
कोविड-19 लॉकडाउन के कारण दुनिया के विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने में महिलाएं भी लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और शनिवार को ही मलेशिया और ओमान से अपने लोगों को लेने गए दोनों विमानों की कप्तान महिलाएं हैं।
अवस्थी ने बताया कि अन्य प्रदेशों से प्रवासी श्रमिक लौट रहे हैं। वे वेबसाइट पर नाम दर्ज करा रहे हैं। विभिन्न माध्यमों से जो श्रमिक आ रहे हैं, उनकी समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जो भी श्रमिक आयें, उन्हें सुरक्षित लाया जाए।
कम्यूनिकेशन गैप के चलते उन मजदूरों को ही उस प्रक्रिया के बारे में नहीं पता जिसके तहत वे इस सुविधा का लाभ उठा सकें। यही कारण है कि हजारों प्रवासी श्रमिक अभी भी अपने गांव-घर तक पहुंचने की उम्मीद में अपना सामान लादे और अपने बच्चों को गोद में उठाए हाइवे पर और रेल की पटरियों पर पैदल ही चले जा रहे हैं।
शिवसेना के मुखपत्र `सामना' ने शनिवार को अपने संपादकीय में कहा कि औरंगाबाद जिले में हुए ट्रैन हादसे जिसमें 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई थी उसके लिए सरकार जिम्मेदार थी।
मध्यप्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में ट्रेन की चपेट में आने के कारण मारे गए 16 प्रवासी कर्मियों ने घर वापस आने के लिए राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार से 15 दिन पहले पास मांगे थे, लेकिन प्रशासन ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया था।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेनों को न आने देने का आरोप लगाने वाले पत्र को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार को कहा कि वह अपने आरोप साबित करें या माफी मांगें।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रमिकों/कामगारों की सुरक्षित वापसी के साथ ही लेबर रिफार्म कानून के जरिए गांवों व कस्बों में ही नौकरियां/रोजगार देने की योजना बनाई है।
दिल्ली और बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों के किराए के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। प्रवासी मजदूरों के किराया चुकाने के दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के दावे के बाद से राजनीति गर्म हो गई है।
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