सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए लगातार मदद कर रहे हैं। सरकार से परमिशन लेने से लेकर बसों का इंतजाम करने तक, उन्हें लगभग पूरा टाइम घर के बाहर रहना पड़ता है।
प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार के अररिया जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रविवार को अचानक अफरा-तफरी मच गई।
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के 12,000 से ज्यादा लोगों को उनके घर भेजा है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी को राजस्थान में भी मजदूरों के कष्ट को सुनना चाहिए था। राहुल गांधी की केवल राजनीति करने में रूचि है, मजदूरों की मदद करने में नहीं।
केंद्र ने शनिवार को कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ प्रवासी श्रमिक विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक उनमें से 75 लाख लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर लौट चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में देश के अन्य हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को लेकर अब तक 1018 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें उत्तर प्रदेश आ चुकी हैं और इनसे 13 लाख 54 हजार से अधिक प्रवासी कामगार घर लौटे हैं।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए बसों का इंतजाम कर रहे हें। उनके इस नेक काम के लिए महाराष्ट्र के मिनिस्टर जयंत पाटिल ने उनकी तारीफ की है।
श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालय ने 19 अप्रैल को आदेश जारी कर राज्य के भीतर आवाजाही को अनुमति दी।
प्रवासी मज़दूरों की दुर्दशा के पीछे कांग्रेस ही असली दोषी है: मायावती
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज मजदूरों से बातचीत का वीडियो जारी किया। इस वीडियो पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती भड़क गई हैं। ट्विटर पर मायावती ने लिखा है कि मजदूरों से बातचीत का राहुल का वीडियो हमदर्दी कम नाटक ज्यादा लग रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 26 मई तक पश्चिम बंगाल में किसी भी मजदूर की एंट्री नहीं चाहतीं। ममता बनर्जी ने रेलवे को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कोई भी श्रमिक ट्रेन 26 मई तक बंगाल ना भेजा जाए।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए लगातार मदद कर रहे हैं। वो सोशल मीडिया पर भी उनसे जुड़े हुए हैं।
सोनू सूद लगातार प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए मदद कर रहे हैं। वो सोशल मीडिया के जरिए भी उनसे जुड़े हुए हैं।
झारखंड में विभिन्न राज्यों से अब तक तीन लाख 15 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को वापस लाया जा चुका है। झारखंड के मुख्य नोडल पदाधिकारी अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि प्रवासी कामगारों की सकुशल वापसी के साथ ही उन्हें पृथकवास केंद्र में सुरक्षित ले जाएं। थर्मल स्कैनिंग के पश्चात जो स्वस्थ हों उन्हें खाद्यान्न पैकेट देकर गृह पृथकवास के लिए भेजा जाए।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन के खाद्यान्न के साथ-साथ उन्हें नियमित तौर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए उनका राशन कार्ड बनवाया जाए।
वाहनों के 1049 पंजीकरण विवरणों के विश्लेषण से पता चला कि उनमें से 31 को ऑटो / थ्री-व्हीलर के रूप में पंजीकृत किया गया था, जिनमें से 69 को एम्बुलेंस / स्कूल बस / ट्रक के रूप में पंजीकृत किया गया था और 70 वाहनों के लिए कोई विवरण उपलब्ध नहीं था।
आज के हालात में स्पेशल ट्रेनों की संख्या को कम नहीं किया जा सकता है, और ना ही प्रवासियों को बगैर क्वॉरन्टीन के अपने गांवों में घुसने की इजाजत दी जा सकती है।
एक तरफ लॉकडाउन में छूट मिल रही है वहीं दूसरी तरफ कोरोनामीटर बढ़ता जा रहा है। बड़े बड़े शहरों से लगातार उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड तक श्रमिक ट्रेनें चल रही हैं।
शशांक व्यास ने प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर एक कविता लिखी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो अपने वॉयसओवर के साथ शेयर की है।
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