महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील के खाने से 106 छात्र बीमार पड़ गए हैं। दरअसल उन्हें फूड प्वाइजिंग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण अस्पताल में उनका इलाज जारी है।
स्कूल के टीचरों ने माना है कि बच्चों को एक हफ्ते से मीड-डे मील में कोई सब्जी नहीं परोसी गई है। बच्चों को खाने में सिर्फ हल्दी डालकर चावल दिया जा रहा है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने IANS से बताया कि मध्याह्न् भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए ट्रेनिंग का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। लेकिन कोविड महामारी के कारण अभी इसमें विराम लगा है। कोरोनाकाल खत्म होते यह शुरू कर दिया जाएगा।
एक ऐसा देश, जहां विश्व में कुपोषित बच्चों की सबसे अधिक संख्या निवास करती है, वहां वक्त की जरूरत छोटे-छोटे कदम उठाने की नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी छलांग लगाने की है।
केंद्र सरकार पांच राज्यों तथा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम जैसी केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं के लिए सस्ती दर पर तत्काल करीब 5.5 लाख टन दाल उपलब्ध कराएगी।
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