अंडा चोर प्रिंसिपल का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग आरोपी हेड मास्टर के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। वहीं प्रिंसिपल ने खुद पर लगे आरोप पर सफाई दी है।
सीएम डैशबोर्ड पर बेसिक शिक्षा विभाग की मिड-डे मील में रैंक ए प्लस से गिरकर नवंबर में सी पहुंच गई। इसके बाद 70 स्कूलों के शिक्षकों और अन्य स्टाफ के वेतन पर रोक लगा दी गई है।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील के खाने से 106 छात्र बीमार पड़ गए हैं। दरअसल उन्हें फूड प्वाइजिंग की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण अस्पताल में उनका इलाज जारी है।
गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब 41 लाख बच्चों को रोजाना स्कूलों में दोपहर को भूखा नहीं रहना होगा।
स्कूल के टीचरों ने माना है कि बच्चों को एक हफ्ते से मीड-डे मील में कोई सब्जी नहीं परोसी गई है। बच्चों को खाने में सिर्फ हल्दी डालकर चावल दिया जा रहा है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
सांगली जिले के एक आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील के पैकेट में मरा हुआ सांप मिलने का दावा किया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में फर्जी छात्रों के पाए जाने का मामला 8 साल पुराना है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर ये जांच सीबीआई को सौंपी गई है। सीबीआई ने इस मामले में जांच करते हुए 7 लोगों पर FIR दर्ज की है।
यूपी के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए योगी सरकार नया प्लान बना रही है। टास्क फोर्स द्वारा इस पर निर्णय लिया जाएगा, जिसे सीएम का अनुमोदन मिल सकता है।
अब तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक, मिड डे मील में मिलने वाले सोया मिल्क को पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी। सभी को अस्पताल ले जाया गया।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक अलग ही मामला सामने आया है। कोरबा जिले में मिड डे मील खाने के बाद 14 बच्चे बीमार हो गए। उनमें से आठ बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बंगाल में बच्चों के मिड डे मील में सांप मिलने से हड़कंप मच गया है। इससे पहले मिड डे मिल में चूहे और छिपकली मिलने का मामला सामने आया था। ताजा मामला बीरभूम जिले के एक स्कूल का है, जहां मिल डे मील में मरा हुआ सांप मिला है।
मिड-डे मील जो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पेट भरता है, उसी मिड-डे मील में जब बच्चों को नमक चावल खिलाया जाए तो किसी को भी गुस्सा आना जायज है। ये मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले से।
Mid Day Meal Scam: प्राइमरी स्कूल शिकोहाबाद में कार्यरत सहायक अध्यापक चंद्रकांत शर्मा ने साल 2006 में एक समिति का गठन किया था। इस समिति का नाम सारस्वत आवासीय शिक्षा समिति था और इसका रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट के तहत कराया गया।
NonVeg in Mid Day Meal: शुक्रवार को एक आदेश कहा कि, "सभी स्कूलों के हेडमास्टर्स को शीर्ष अदालत के 2 मई के आदेश का पालन करने के लिए आदेशित किया जाता है, जिसमें बच्चों को पहले की तरह मांस, चिकन, मछली और अंडे सहित मिड-डे मील परोसने का निर्देश दिया गया था।
Rajasthan Government Policy: राजस्थान में अब कक्षा आठवीं तक के बच्चों को सप्ताह में दो दिन दूध दिया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार राजकीय विद्यालयों में मिड डे मील की पौष्टिकता बढ़ाने और स्कूलों में छात्रों का नामांकन एवं उपस्थिति में वृद्धि के लिए प्रयासरत है।
सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन योजना अब ‘पीएम पोषण’ योजना के नाम से जानी जाएगी और इसमें बाल वाटिका से लेकर प्राथमिक विद्यालय के स्तर के विद्यार्थियों को कवर किया जाएगा।
महाराष्ट्र के पुणे में एक ऐसा मामला सामने आया है जो हैरान करने वाला है। सरकारी स्कूल के बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील की सप्लाई में पशुओं को खिलाने वाले आहार के पैकट की सप्लाई पकड़ी गई है।
पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत, सरकार ने समन्वित बाल विकास सेवाओं और मध्यान्ह भोजन जैसी योजनाओं में पोषक तत्वों से संवर्धित चावल की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया है।
भारत में संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएनडब्ल्यूएफपी) भारत के निदेशक ने कहा कि मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) योजना देश के लाखों बच्चों के लिए जीवनरेखा की तरह है और जब विद्यालय खुलने लगे हैं तो ऐसे में विद्यार्थियों को गर्म पका हुआ खाना मुहैया कराने की व्यवस्था को फिर से शुरू करने की जरूरत है।
दिल्ली में अभी अगले कुछ और महीने स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। इसी के चलते अब दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 8 लाख बच्चों को मिड-डे-मील योजना के तहत सूखा राशन देगी।
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