पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी अफगानिस्तान और आसपास के इलाकों में बने कम दबाव के क्षेत्र का असर मध्य भारत के कुछ राज्यों में बरकरार है। इस कारण उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिण पश्चिमी राजस्थान से लेकर पूर्वी विदर्भ तक के कुछ इलाकों में चक्रवाती
उत्तर भारत में पिछले 15 दिनों से मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव देखा गया है। मई के पहले हफ्ते में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आंधी-तूफान के चलते 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, कनार्टक के तटीय इलाकों, तमिलनाडु, पुडुच्चेरी और केरल जैसे राज्यों में आंधी-तूफान आने के आसार हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद मथुरा में भी बुधवार की शाम तेज आंधी और ओलों के साथ आई बारिश ने जमकर कहर बरपाया। खराब मौसम ने मांट तहसील इलाके में दो लोगों की जान ले ली। वहीं थाना बलदेव क्षेत्र के गांव ककरेटिया में स्कूल की दीवार गिरने से मलबे में दबकर एक शख्स जख्मी हो गया।
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देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में आज दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया है।
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में आज दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया है। आसमान में बादल छाए हुए हैं और मौसम विभाग की तरफ से तेज हवा के साथ बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर अभी बना रहेगा और रह-रहकर म
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। राजस्थान में धूल भरी आंधी, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा पश्चिमी यूपी और पश्चिम बंगाल में तेज आंधी और तूफान का खतरा मंडरा रहा है।
मौसम विभाग ने आज उत्तरी राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में आंधी तूफान की चेतावनी जारी की है। विभाग की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इन राज्यों में तेज हवाओं के साथ आंधी आने की चेतावनी जारी की गयी है।
देश के कम से कम 15 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों में कल आंधी-तूफान, भारी बारिश और ओलावृष्टि होने की आशंका है यह जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है।
मौसम के अचानक बदल जाने के पीछे वैज्ञानिकों का कहना है कि तूफ़ान वेदर सिस्टम के दुर्लभ मेल की वजह से आया है, जो अमूमन आने वाले तूफानों के पैटर्न से अलग रहा है। मौसम विभाग ने राजस्थान के लिए खास तौर पर चेतावनी जारी की है।
मार्च की प्रचंड गर्मी से बेहाल हुआ आधा हिंदुस्तान | हिसार समेत हरियाणा के कई इलाकों ने गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है। हिसार और इसके आसपास के इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से 9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा
मौसम विभाग के अनुसार पिछले तीन-चार सालों से करीब-करीब यही रुझान देखे जा रहे हैं, लेकिन इस बार गर्मी का सबसे ज्यादा असर उत्तरी राज्यों में रहेगा, जिसमें जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है, "अगले एक-दो दिनों में मौसम में कोई खास परिवर्तन की संभावना नहीं है। राज्य के करीब सभी क्षेत्र रात ढलते ही कोहरे की चादर से ढंक जाएंगे। इस दौरान ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे गलन बनी रहेगी।"
रिपोर्ट के अनुसार 19 नवंबर तक दिल्ली की हवा बेहद खराब कैटिगरी की बनी रहेगी। इस दौरान तापमान में कमी आएगी और हवा में नमी बनेगी। वहीं पंजाब से आने वाली हवाएं भी शुरू हो जाएंगी जिनमें प्रदूषण तो नहीं होगा लेकिन ऊपरी हवाओं की गति 19 नवंबर से काफी कम हो ज
मौसम विभाग का कहना है कि इस वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते अगले तीन-चार दिनों तक जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी के बाद उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाक
दोपहर बाद शुरू हुई हल्की बारिश रात तक भारी बारिश में तब्दील हो गई थी। इस वजह से बस, टैक्सी, ऑटो और उपनगरीय रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई। जगह-जगह पानी भर जाने के कारण वाहनों का आवागमन बाधित हो गया। सिग्नलों में खराबी आने की वजह से गुरुवार
अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतर स्थानों में बारिश के साथ गंगा नदी से जुड़े पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके साथ ही अगले 48 घंटों में पश्चिम बंगाल के उप हिमालयी क्षेत्र में कुछ स्थानों में भारी बारिश हो
भारतीय मौसम विभाग ने रविवार को ही मुंबई के आसपास और गोवा में अगले तीन से चार दिनों तक भारी बारिश की आशंका जताई थी। मुंबई में हालांकि रविवार को ज्यादा बारिश नहीं हुई। मंगलवार सुबह मुंबई में आसमान में बादल छाये हुये थे और दोपहर के बाद गरज और चमक के स
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