महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया है। उन्हें पिछले साल जम्मू-कश्मीर राज्य के बंटवारे और अनुच्छेद 370 हटाने के बाद नजरबंद किया गया था।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाएगा। वह जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद 14 महीने से नजरबंद थीं। जिसके बाद अब उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से महबूबा मुफ्ती को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लेने के खिलाफ दायर उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती की नई याचिका पर जवाब मांगा है।
जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की गुरुवार को होने वाली बैठक को पुलिस ने नहीं होने दी। पुलिस ने PDP के कई नेताओं को घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी ने अपने पासपोर्ट में अपनी मां का नाम बदलकर महबूबा सैयद करने की मांग की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने सरकार पर लोकतंत्र को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है।
पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती पर पीएसए अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद पांच अगस्त को मुफ्ती को हिरासत में लिया गया था।
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में ली गई जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को उनके आवास भेज दिया गया है। अगले आदेश तक महबूबा फिलहाल अपने घर में ही हिरासत में रहेंगी।
जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपनी मां की रिहाई की मांग की है।
मोदी सरकार द्वारा पिछले वर्ष पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया था, जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया।
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने गृह मंत्री अमित शाह को कश्मीर जाने का साहस दिखाने की चुनौती भी दी। इल्तिजा ने कहा, "लोग गुस्से में हैं, अगर गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर में सड़कों पर चलते हैं, तो मैं उन्हें सलाम करूंगी।"
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत आरोपी बनाने का कोई आधार नहीं है तथा इनको रिहा किया जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पर अलगाववादियों के साथ काम करने का आरोप लगाते हुए सरकार ने उनकी हिरासत को बढ़ा दिया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं।
जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट मतलब पीएसए लागू किया गया है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही दोनों पूर्व मुख्यमंत्री नज़रबंद थे।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत नेशनल कांफ्रेंस और उनकी धुर प्रतिद्वंद्वी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो कद्दावर नेताओं के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर दिया।
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केन्द्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे को क्षेत्र में सामान्य स्थिति दिखाने के लिए फोटो खिंचवाने का एक अवसर बताया और कहा कि घाटी में अब भी ‘‘इंटरनेट बंद’’ है।
सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पार्टी के 8 नेताओं को ‘सरकार के साथ बातचीत करने के लिए’ निष्कासित कर दिया।
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