पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी दलों के विधायकों को ‘‘खरीदने या डराने’’ के लिए अपना खजाना भरने के वास्ते आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बढ़ाना शुरू कर दिया है।
इससे पहले उन्होने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन का बचाव करते हुए कहा कि जब तक पार्टियां गठबंधन में थीं तो उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म करने नहीं दिया।
‘‘ मुझे आज नजरबंद कर दिया गया क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति अभी तक सामान्य है। स्थिति सामान्य होने के दावों की सच्चाई सामने आ गई है।’’
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र से अफगानिस्तान से सबक लेने के लिए कहा, जहां तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया और अमेरिका को भागने पर मजबूर किया।
महबूबा मुफ़्ती नेक कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं, जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा उस वक्त आप नहीं रहोगे और मिट जाओगे। हमारा इम्तिहान मत लो सुधर जाओ, संभल जाओ। चींटी जब हाथी के सूंड में घुस जाती है तब वह हाथी का जीना हराम कर देती है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगी जब तक कि भारतीय और तत्कालीन राज्य का संविधान दोनों जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं हो जाते।
जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनीतिक नेताओं की बैठक के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत की।
मुफ्ती ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत मुश्किल में हैं। 370 को गैरकानूनी तरीके से हटाया गया। उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल हो, मैं फिर कह रही हूं कि पाकिस्तान से बातचीत हो, लोगों की भलाई के लिए पाकिस्तान से भी बात हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में शामिल अधिकांश राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठाई।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) की तेलंगाना इकाई ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के इस बयान की आलोचना की कि भारत को कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए।
370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में बदलाव हुआ है और वहां पर विकास तेज गति से आगे बढ़ा है। खासकर पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर में कई ऐसे सकारात्मक बदलाव हुए हैं जिस वजह से वहां अलग सुर में बात करने वाले नेताओं को भी केंद्र के साथ बातचीत के लिए बाध्य होना पड़ा है
नए कश्मीर पर देश की राजधानी दिल्ली में आज बहुत बड़ी बैठक होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही ये मीटिंग दोपहर तीन बजे होगी।
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद आज पहली बार केन्द्र और जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही इस बातचीत में जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 नेता शामिल हो रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री पीएम मोदी के साथ आयोजित होने वाली बैठक में शिरकत करेगी। इस बैठक से पहले उन्होंने एक बड़ी बात कही है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार को कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए।
पीडीपी की तरफ से किसी को बैठक में भेजने की जरूरत पड़ती है तो महबूबा मुफ्ती खुद नहीं जाकर अपना कोई प्रतिनिधी भेज सकती हैं
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा अनुच्छेद 370 पर टिप्पणी किए जाने के बाद खड़े हुए विवाद के बीच पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी भाजपा को निशाना पर लिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Ex CM Mehbooba Mufti) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से दी गई नोटिस पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी।
महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री रहते हुए श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित अपने आधिकारिक निवास के रेनोवेशन पर महज छह महीने में लगभग 82 लाख रुपये खर्च कर दिए। इस राशि का भुगतान भारत सरकार ने किया।
श्रीनगर के परिमपोरा में पिछले सप्ताह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीन कथित आतंकवादियों के परिवारों ने सोमवार को उनके शव वापस करने और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। सुरक्षा बलों के अनुसार, 31 दिसंबर को मुठभेड़ में एजाज मकबूल गनई, जुबैर अहमद लोन और अतहर मुश्ताक वानी मारे गए थे।
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