महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े ओबीसी नेता और पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल पाटिल़ ने कल्याण शहर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिलसिलेवार तरीके से बताया कि आखिर बीजेपी ने पीडीपी के साथ सरकार क्यों बनाई और 370 हटने के पहले क्या-क्या हुआ।
जुलाई 2018 में महबूबा नीत गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों समेत बड़ी संख्या में पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सबसे बड़ी जिम्मेदारी युवाओं की है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद स्थिति और खराब हो गई है और वे (केंद्र) न केवल हमारी जमीन और नौकरियां छीन रहे हैं, बल्कि हमारे सम्मान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वे हमारा अस्तित्व खत्म नहीं कर देते।’’
महबूबा ने सीमावर्ती जिले राजौरी में युवा सम्मेलन में कहा, आपको स्थिति को समझना होगा और हमारी आवाज बनना होगा।
महबूबा ने कहा, स्थिति बदतर होती जा रही है और भारत सरकार लोगों से संपर्क कायम करने के बजाय उन्हें धकिया रही है।
‘‘नया कश्मीर’’ के बारे में महबूबा ने कहा कि उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 2014 में भाजपा से इसलिए गठबंधन किया था क्योंकि वह राज्य में शांति का नया शासन लाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता ने पहले अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता को देखा था और उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा की नई सरकार इसी विचारधारा पर काम करेगी।’’
तस्सदुक हुसैन मुफ्ती पर आरोप है कि मुख्यमंत्री के तौर पर महबूबा के कार्यकाल के दौरान उनके अकाउंट में कई कश्मीरी बिल्डर्स से फंड ट्रांसफर हुआ।
पुलिस ने बताया कि हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय साथी मोहम्मद आमिर के साथ दो आम नागरिक- अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल मारे गये। इस इलाके में कथित रूप से एक अवैध कॉल सेंटर और आतंकी ठिकाना था।
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों को एक सुर में अपनी बात रखने और उन निहित स्वार्थी तत्वों को खारिज करने की जरूरत है जो इस विभाजन को और बढ़ाने के लिए विषवमन कर रहे हैं।"
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘हालांकि, आज भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। यह अब पीएम केयर्स फंड की तरह परिष्कृत तरीके से किया जाता है। भ्रष्टाचार नहीं तो यह क्या है, जब आप प्रधानमंत्री के रूप में अपने पास मौजूद पैसे का हिसाब नहीं देना चाहते हैं?"
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस तरह की दंडात्मक कार्रवाई से कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के युवाओं में अविश्वास की भावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देशभक्ति और वफादारी की भावना को करुणा के साथ पैदा करना होगा।
महबूबा मुफ्ती ने पूछा- "पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरियों के खिलाफ इतना गुस्सा क्यों?"
शनिवार को असम में प्रथम रविकांत सिंह स्मृति व्याख्यान देते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर के लोग आवाजाही की स्वतंत्रता का लाभ उठाने लगे थे, लेकिन मौजूदा स्थिति की वजह से यह बाधित हो सकता है।
गौरतलब है कि परवेज अहमद की मौत सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत दिया था, लेकिन वह अपना वाहन रोकने में विफल रहा था।
महबूबा मुफ्ती ने मुंबई ड्रग केस पर ट्वीट कर अपनी टिप्पणी दी है। उन्होंने आर्यन खान के पक्ष में बात की है। महबूबा ने कहा कि खान सरनेम होने की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है।
PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर पर लिखा, जम्मू-कश्मीर की स्थिति बद से बदतर होती चली गई है।
महबूबा ने कहा, हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेदार है।
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को दावा किया था कि उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि उनकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जाने की योजना थी।
PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया क्योंकि उनकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जाने की योजना थी।
बता दें कि बीजेपी ने वर्ष 2018 में पीडीपी नीत गठबंधन सरकार से तीन साल के बाद समर्थन वापस ले लिया था। महबूबा ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनका उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल करना है।
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