यह गलियारा बनाने का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर को लिया गया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान करतारपुर गलियारे के लिए 28 नवंबर को पाकिस्तान की सरजमीं पर इसकी आधारशिला रखेंगे।
पीडीपी और दो सदस्यों वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस द्वारा सरकार बनाने के दावे करने वाले पत्र बुधवार को राज्यपाल के पास कथित रूप से नहीं पहुंच पाए थे।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती की सरकार से 19 जून को समर्थन वापस ले लिया था, और इसके अगले ही दिन सूबे में राज्यपाल शासन लागू हो गया था।
पीडीपी ने जैसे ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पास राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया उसके कुछ घंटे बाद ही राज्यपाल ने विधानसभा ही भंग कर दी। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फेंस और पीडीपी तीनों इसे अपने फायदे से जोड़ कर देख रही है क्योंकि बीजेपी फिलहाल तो राज्य में चुनाव नहीं चाहती थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक लोकप्रिय सरकार का गठन करने के लिए वार्ता प्रारंभिक चरण में थी और केन्द्र की भाजपा सरकार इतनी चिंतित थी कि उन्होंने विधानसभा भंग कर दी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया है। इससे पहले महबूबा मुफ्ती की तरफ से नेशनल कांफ्रेस और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को चिट्ठी भेजी गई थी।
भाजपा के प्रदेश महासचिव युद्धवीर सेठी ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाले लोग राष्ट्र का भला नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने हिजबुल के दो आतंकवादियों तथा पूर्व पीएचडी छात्र मन्नान मानी के सफाए के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पीएचडी छात्र वानी इस साल जनवरी में आतंकी बना था। वह कुपवाड़ा जिले के लोलाब इलाके से ताल्लुक रखता था और उसकी मौत इसी जिले के शतगुंद गांव में उसके सहयोगी के साथ मुठभेड़ में हुई।
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती तक ने मन्नान की मौत को एक नुकसान बताया है
खान ने इस महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के बीच एक बैठक का प्रस्ताव दिया था।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव एक से पांच अक्टूबर के बीच कराने और आठ नवंबर से चार दिसंबर तक पंचायत चुनाव कराने की घोषणा की है।
कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान की पुरजोर वकालत करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की समर्थक रही है।
महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अपील की कि कश्मीर की खातिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पाकिस्तान में अपने समकक्ष इमरान खान की ओर मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने एक दूसरे पर ना केवल शब्दों से बल्कि अलग अलग इमोजी के सहारे वार किए। इस जंग का मैदान बना ट्विटर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल फोन करके इमरान को पाकिस्तान संसदीय चुनावों में जीत की बधाई दी थी।
महबूबा ने भाजपा से हाथ मिलाने के अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के निर्णय को जायज ठहराया। उन्होंने कहा, "मुफ्ती साहब 2015 में भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर इसलिए सहमत हुए, क्योंकि वाजपेयी के शासन के दौरान हमारे बीच एक अच्छी आपसी समझ थी।"
अब्दुल्ला पीडीपी प्रमुख के भाषण पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। अपने भाषण में महबूबा ने कहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन करने को ‘‘एक कप जहर पीने के समान’’ करार दिया था।
महबूबा मुफ्ती ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह राज्य में खूनखराबा रोकने की खातिरइमरान खान की ओर से बढ़ाया गया ‘‘दोस्ती का हाथ’’ कबूल करें
बेग ने शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि गाय और भैंस के नाम पर मुस्लिमों की हत्याओं को रोका नहीं गया तो एक बार फिर से देश का बंटवारा हो सकता है।
पीडीपी की प्रमुख और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका देते हुए 6 विधायक पार्टी के स्थापना दिवस समारोह पर हो रही रैली में शामिल नहीं हुए।
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