केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों के एक समूह से कहा कि अगर घाटी में शांति बरकरार रखने में मदद मिलती है तो जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद ही रहना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी ने प्रशासन से कहा है कि उनकी मां को ऐसी जगह पर रखा जाए जो घाटी की हाड़ कंपाने वाली सर्दी के लिहाज से उपयुक्त हो।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पर्व विधायक वेद महाजन ने कहा, “वरिष्ठ पीडीपी नेताओं ने मुलाकात की और संबंधित अधिकारियों से पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात के लिये नए सिरे से इजाजत मांगने का फैसला किया।”
सोमवार को जम्मू के पीडीपी प्रतिनिधिमंडल की श्रीनगर में पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से होनी वाली मुलाकात टल गई है। महबूबा मुफ्ती फिलहाल श्रीनगर में नजरबंद हैं।
महबूबा ने आरोप लगाया है कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को दक्षिणपंथी संगठन एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर डोभाल के कश्मीर दौरे पर तंज कसा गया।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी बेटी इल्तिजा के जरिए केंद्रीय गृह सचिव और जम्मू-कश्मीर के सचिव 3 दिन के अंदर उन सभी हालातों की जानकारी देने की मांग की है जो जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद बने हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की मांग की है।
इल्तिजा की ओर से याचिका दायर करने वाली अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन जब अपनी दलीलें रख रहीं थी तभी अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि महबूबा की मां गुलशन आरा और बहन रूबैया सईद ने 29 अगस्त को उनसे मुलाकात की थी।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी ने अपनी मां से मिलने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय से मांग की है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनकी बहन ने सोमवार को मुलाकात की। कश्मीर में उमर की नजरबंदी का आज 29वां दिन था जब उनके किसी रिश्तेदार ने उनसे मुलाकात की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
घाटी के कई हिस्सों में टेलीफोन सेवाएं हालांकि बहाल कर दी गई हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं।
जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद मुख्यधारा के सियासतदानों को हिरासत में रखने को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह कहते हुए न्यायोचित ठहराने की कोशिश की कि जितना ज्यादा वक्त वे जेल में रहेंगे उन्हें उतना ही राजनीतिक फायदा मिलेगा।
जम्मू-कश्मीर के राज भवन ने बयान में कहा कि राज्यपाल ने इन नेताओं (उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती) से कई बातचीत नहीं की है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों-फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के लिए इस बार ईद उल अजहा का त्योहार खामोशी भरा रहा क्योंकि पूर्व के वर्षों में उनके घरों में समर्थकों, दोस्तों, परिवार के सदस्यों की भीड़ लगी रहती थी।
भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने की घोषणा के बाद ये गिरफ्तारियां हुई हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला की गिरफ्तारी की निंदा की है और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस कदम को औचित्यहीन बताया है।
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद राजनीतिक आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुले तौर पर इस बिल का विरोध किया है।
केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करते हुए देश विरोधी बयानबाजी करने जिससे माहौल खराब हो के आरोप में महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया गया है।
सदन के बाहर निकाले जाने के बाद दोनों सांसदों ने विरोध में अपने कपड़े भी फाड़ डाले।
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