नकली दवाओं के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 604 मामलों में अभियोजन शुरू किया गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगभग 10,500 यूनिट्स हैं जो विभिन्न प्रकार के खुराक रूपों और एपीआई का निर्माण कर रही हैं।
पैरासिटामोल टैबलेट (500 mg), मधुमेह विरोधी दवा ग्लिमेपिराइड, उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 mg), एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 दवा क्वालिटी टेस्ट में रहीं विफल।
केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। सरकार ने कहा कि इन दवाओं में डाला गया मैटिरेयल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए इन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ब्लडप्रेशर घटाने वाली दवा हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड की गोलियां अब 11.07 रुपये की जगह 10.45 रुपये में मिलेंगी। इसी तरह, डेपाग्लिफ्लोजिन मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की कीमत एक गोली के लिए 16 रुपये तय की गई है, जबकि पहले इसकी कीमत 30 रुपये थी।
हम सभी देखते आए हैं कि दवाओं की पैकेजिंग एल्युमिनियम फॉयल में होती है। लेकिन, कभी आपने ये सोचा है कि ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे कारण क्या हैं, जानते हैं इस बारे में विस्तार से और समझते हैं इसकी पूरी साइंस
सोशल मीडिया पर एक लड़की ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि DOLO दवाई से आप कपड़े पर लगे दाग को तुरंत साफ कर सकते हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की राय के बात 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये दवाएं सर्दी-खांसी, कफ और बुखार को ठीक करने वाली दवाएं हैं। जानिए इन दवाओं के बारे में-
सभी ड्रग इंस्पेक्टर को आदेश दिया गया है कि फार्मा कंपनियों की जांच करें। टेस्ट में फेल हुई दवाओं को मार्केट से वापस लिए जाने की बात भी कही गई है।
जेनेरिक आधार के संस्थापक और सीईओ अर्जुन देशपांडे ने कहा, “राष्ट्रपति से प्रशंसा प्राप्त करना एक सम्मान की बात है। वर्तमान में हमारे पास 2000 से अधिक मेडिकल स्टोर हैं और अगले डेढ़ साल में पूरे भारत में कुल 10,000 स्टोर होने की उम्मीद है।
China Coronavirus Videos: चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से यहां दवाओं की किल्लत हो गई है। लोगों ने मेडिकल स्टोर्स पर लंबी कतारें लगाई हुई हैं। जिसके कई वीडियो सामने आए हैं।
Essential Medicines List: 26 दवाओं जैसे कि रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा को संशोधित सूची से हटा दिया गया है। लागत प्रभावशीलता और बेहतर दवाओं की उपलब्धता के मापदंडों के आधार पर इन दवाओं को सूची से बाहर किया गया है।
Medicine Revolution: इस बात में दो राय नहीं कि इन दवाओं के कुछ अविश्वसनीय लाभ हैं। लेकिन वे आमतौर पर जटिलताओं की विरासत के साथ आते हैं जिन्हें हमें गंभीर रूप से देखने की जरूरत है। वैसे इस बात को हमेशा याद रखने की जरूरत है कि आज की चमत्कारी दवा कल की समस्या की दवा हो सकती है।
श्रीलंका में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कैंसर हॉस्पिटल्स के पास भी लोगों के इलाज के लिए दवाओं का स्टॉक नहीं है।
बुखार, एलर्जी, हार्ट रोग, बीपी और एनीमिया जैसे कॉमन रोगों में जो दवाएं इस्तेमाल होती हैं, उसके लिए लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। इन दवाओं में एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर्स, एंटी इंफेक्टिव शामिल हैं।
घरों में आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली मुलेठी भविष्य में कोरोना की दवा तैयार करने के लिए मुख्य स्रोत बन सकती है।
जयपुर की विश्वकर्मा थाना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की CIU टीम ने बड़ी कार्रवाई कर नशीली दवाओं के एक बड़े कारोबार का खुलासा कर करीब 5 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं बरामद की है।
दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी शुक्रवार को भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के कार्यालय में यह जानने के लिए पहुंचे कि आईवाईसी कोविड रोगियों के लिए आवश्यक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर और कई अन्य चीजें कैसे उपलब्ध करा रही है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दवाओं एवं चिकित्सा आपूर्ति के लिए चीन तथा अन्य देशों पर अपनी निर्भरता खत्म करेगा।
दवा कंपनियों द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए रेमडेसिविर और फेवीपिराविर के जेनरिक संस्करण को लाने की तैयारी के बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में यह ‘सकारात्मक कदम’ है लेकिन उन्होंने इन एंटीवायरल दवाओं को ‘पासा पलटने वाला’ कदम मानने को लेकर सावधान किया।
देशव्यापी लॉकडाउन के कारण श्रमिकों और लॉजिस्टिक्स की समस्या के कारण दवा कंपनियों के कारोबार पर भी असर पड़ा है। दवा कंपनियों में तकरीबन 60 फीसदी उत्पादन ठप पड़ गया है, जिससे आने वाले दिनों में देश में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की किल्लत की आशंका भी बनी हुई है।
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