Medicine Revolution: इस बात में दो राय नहीं कि इन दवाओं के कुछ अविश्वसनीय लाभ हैं। लेकिन वे आमतौर पर जटिलताओं की विरासत के साथ आते हैं जिन्हें हमें गंभीर रूप से देखने की जरूरत है। वैसे इस बात को हमेशा याद रखने की जरूरत है कि आज की चमत्कारी दवा कल की समस्या की दवा हो सकती है।
श्रीलंका में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कैंसर हॉस्पिटल्स के पास भी लोगों के इलाज के लिए दवाओं का स्टॉक नहीं है।
उन दवाओं को अनुमति नहीं मिलेगी जिनके इलाज या इस्तेमाल की अवधि 5 दिन से ज्यादा हो। अगर इससे मरीज को आराम नहीं मिलता है तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि यहां WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (जीसीटीएम) की स्थापना से विश्व में पारंपरिक चिकित्सा के युग की शुरुआत होगी।
मूल्य निर्धारण के तहत एसोसिएटेड बायोटेक, डेल्स लैबोरेटरीज की बनायी और विपणन की जाने वाली मेटफॉर्मिन के साथ टेनेलिग्लिप्टिन टैबलेट (मेटाफॉर्मिन + टेनेलिग्लिप्टिन) की कीमत 7.14 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है।
इस बार जो अहम बदलाव होने जा रहे हैं उसमें क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स से लेकर वाहन और दवाएं महंगी हो जाएंगी।
अब आपको साधारण बुखार से लेकर अन्य बीमारियों के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविड के हल्के-फुल्के संक्रमण वाले व्यक्तियों को यह गोली दिन में दो बार लेनी पड़ेगी।
जधानी दिल्ली के एक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र ने अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए ‘एपीआई जेनेरिक फार्मेसी’ नाम से वेबसाइट शुरू की है।
सिंधिया ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, राज्य सरकार और केन्द्र के साथ मिलकर हमलोग आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे और पूरे देश के लिए मॉडल विकसित करेंगे।
ल्यूपिन लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में दवा का व्यावसायीकरण करना चाहती है, जिसमें टीबी से सबसे ज्यादा पीड़ित देश शामिल हैं।
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने एक नेक काम किया है। जिसके लिए हर कोई उनकी जमकर तारीफ कर रहा है। कपल ने एक मासूम बच्चे की जान बचाने में सहायता की है।
यह संक्रमण म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने से आता है और यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़े को प्रभावित करता है तथा इससे जान भी जा सकती है।
कंपनी ने कहा है कि डीसीजीआई ने इस टेबलेट इवेजाज को घरेलू और विदेशी बाजारों में भेजने की अनुमति दे दी है।
एक तरफ जहां आम आदमी को कोरोना की दवाई के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई नेता मरीजों तक दवा को पहुंचाने में मदद भी कर रहे हैं।
एफडीए द्वारा मंजूर 8000 दवाओं की सूची में से 10 औषधीय रासयनिक अणुओं की पहचान की और उन पर अपने भागीदारों के साथ बेंगलुरु में आगे अनुसंधान शुरू किया।
भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर अंकुश लगाने के लिए सस्ता इलाज का विकल्प समय की जरूरत है।
आयुष मंत्रालय ने कोरोना मरीजों के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली 7 आयुर्वेदिक दवाओं की लिस्ट जारी की है। मंत्रालय ने यह लिस्ट ऐसे में समय में जारी की है जब भारत कोरोना वायरस से बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहा है।
सरकार ने मार्च 2025 तक पीएमबीजेके की संख्या 10,500 करने का लक्ष्य रखा है। जिससे गरीबों की सस्ती दवाओं तक पहुंच आसान हो। 15 सितंबर 2020 तक देशभर में 6,606 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं।
बर्नस्टीन ने कहा कि शीत भंडार गृहों की श्रृंखला तथा कुशल श्रम की कमी दो बड़ी चुनौतियां होने वाली हैं। यदि यह भी मानकर चलें कि क्रियान्वयन की गति पहले की तुलना में दो गुना होगी, तब भी सरकारी कार्यक्रम के अमल में आने में 18 से 20 महीने लगेंगे।
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