भारत में दवाओं का खर्च काफी महंगा आता है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनकी खर्च करोड़ों में है, जोकि आम आदमी के बस की बात नहीं है। ऐसे में भारत ने कुछ दवाओं का स्वयं ही उत्पादन करने का फैसला किया है, इससे करोड़ों की दवाओं का खर्च घटकर लाखों में रह जाएगा।
भारत और पाकिस्तान भले ही एक दूसरे के दुश्मन हैं, मगर हिंदुस्तान मानवता को सबसे ऊपर रखता है। यही वजह है कि पाकिस्तान में कैंसर से लेकर अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं और टीके भारत से निर्यात किए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने भी वक्त की नजाकत को समझते हुए अपने देश के अस्पतालों और दवा कारोबारियों को आयात की छूट दी है।
भारत भले ही चीन पर अपनी निर्भरता अगल-अलग क्षेत्रों में धीरे-धीरे कम कर रहा है, लेकिन वह अभी भी दवाओं पर चीन से अपना पीछा नहीं छुड़ा पाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन से दवाओं का भारत ने 75 फीसद तक आयात किया है। यह रिपोर्ट निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत के लिए चिंताजनक है।
नए नियम के तहत दवा निर्माता कंपनियों को दवाओं पर H2/QR कोड लगाना ज़रूरी होगा। दवा का प्रॉपर और जेनरिक नाम, ब्रांड और निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, दवा की मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट की जानकारी भी देनी होगी।
Medicines Discount: गंभीर बीमारी से परेशान मरीजों के लिए राहत की खबर आई है। MedPlus 500 से अधिक दवाओं पर छूट देने जा रही है।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।
एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा कि सरकार एनएलईएम में सूचीबद्ध कुल 870 दवाओं में से अबतक 651 के अधिकतम मूल्य को तय कर पाई है।
जल्द ही जरूरी दवाओं के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जहां दिल की बीमारियों, डायबिटीज से जुड़ी दवाओं के दाम 10 % फीसद तक बढ़ सकते हैं।
सरकार ने नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। 20 राज्यों की 76 कंपनियों के निरीक्षण के बाद ये कार्रवाई हुई है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने पिछले महीने ऑनलाइन फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि बिना लाइसेंस के ड्रग्स बेचने और वितरित करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 9 मार्च तक देश में एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के अलग अलग प्रकारों के कुल 3,308 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और मार्च में 486 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है।
मांडविया ने कहा कि फार्मास्युटिकल्स विभाग (डीओपी) ने चार चयनित आवेदकों को 166 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन की पहली किस्त जारी की है।
Medicinal Plants in Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाए जाने के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार विकास को गति दे रही है। आतंक के खात्मे और राज्य के विकास के लिए मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में योजनाओं की झड़ी लगा दी है।
उत्तर प्रदेश में मऊ जिले के एक गांव के कुएं में भारी मात्रा में सरकारी दवाएं पाई गई हैं, जिससे इससे इलाके में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है।
केंद्र सरकार की ओर से 12 नवंबर को अधिसूचित इस संशोधित सूची के साथ, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को इन दवाओं का एक बड़ा स्टॉक रखना आवश्यक है।
Nobel Prize: साल 2022 का नोबेल पुरस्कार ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो (Svante Paabo) को देने की घोषणा की गई है।
AIIMS के डॉक्टरों की एक टीम ने पाया है कि आयुर्वेद की मधुमेह (डायबिटीज) रोधी दवा ‘BGR-34’ लॉन्ग टर्म रोगों से ग्रस्त मरीजों में मोटापा कम करने के साथ-साथ उपापचय (मेटाबोलिज़्म) तंत्र में सुधार करने में भी कारगर है।
new addiction: भारत, बांग्लादेश और नेपाल के लोग इन दिनों एक ऐसे नशे की गिरफ्त में हैं, जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं रही होगी। लंबे समय से यह लोग नशे के लिए यह नया तरीका अपना रहे थे, जिसकी किसी को कानों कान भनक तक नहीं थी।
AMU Health News: अपने देश में आमतौर पर लोग दांतों के स्वास्थ्य को लेकर आज भी उतने अधिक सजग व जागरूक नहीं हैं। शरीर के अन्य अंगों की तरह दांतों की देखभाल भी बहुत कम लोग ही करते हैं। दांतों को स्वस्थ, सुंदर और मजबूत बनाए रखने के लिए अपने जाने वाले समस्य उपाय भी बहुत गिने-चुने लोग ही करते हैं।
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