कंपनी का यह भी कहना है कि यह शुगर-फ्री दवा है और इसका स्वाद अच्छा है। निश्चित-खुराक वाली गोलियों के उलट, डॉक्टर हर रोगी को बेहतर ढंग से फिट करने के लिए खुराक को एडजस्ट कर सकते हैं।
तीन साल की अवधि में मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’ मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 101 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसमें से स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 44 अरब अमेरिकी डॉलर की थी। निर्यात 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का किया गया।
औषधि नियंत्रण प्रशासन ने खम्मम जिले में बिना लाइसेंस वाली एक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है और यहां से करीब 935 किलोग्राम दवाएं बरामद की हैं।
Meftal Side Effects: भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने दर्द निवारक दवा मेफ्टाल को लेकर एक सेफ्टी अलर्ट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मेफ्टाल का ज्यादा सेवन करने से आप DRESS सिंड्रोम जैसी गंभीर एलर्जी के शिकार हो सकते हैं। जानिए क्या है ये ड्रेस सिंड्रोम और मेफ्टाल के साइडइफेक्ट्स?
सोशल मीडिया पर एक लड़की ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि DOLO दवाई से आप कपड़े पर लगे दाग को तुरंत साफ कर सकते हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
भारत में दवाओं का खर्च काफी महंगा आता है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनकी खर्च करोड़ों में है, जोकि आम आदमी के बस की बात नहीं है। ऐसे में भारत ने कुछ दवाओं का स्वयं ही उत्पादन करने का फैसला किया है, इससे करोड़ों की दवाओं का खर्च घटकर लाखों में रह जाएगा।
भारत और पाकिस्तान भले ही एक दूसरे के दुश्मन हैं, मगर हिंदुस्तान मानवता को सबसे ऊपर रखता है। यही वजह है कि पाकिस्तान में कैंसर से लेकर अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं और टीके भारत से निर्यात किए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने भी वक्त की नजाकत को समझते हुए अपने देश के अस्पतालों और दवा कारोबारियों को आयात की छूट दी है।
भारत भले ही चीन पर अपनी निर्भरता अगल-अलग क्षेत्रों में धीरे-धीरे कम कर रहा है, लेकिन वह अभी भी दवाओं पर चीन से अपना पीछा नहीं छुड़ा पाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन से दवाओं का भारत ने 75 फीसद तक आयात किया है। यह रिपोर्ट निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत के लिए चिंताजनक है।
नए नियम के तहत दवा निर्माता कंपनियों को दवाओं पर H2/QR कोड लगाना ज़रूरी होगा। दवा का प्रॉपर और जेनरिक नाम, ब्रांड और निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, दवा की मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट की जानकारी भी देनी होगी।
Medicines Discount: गंभीर बीमारी से परेशान मरीजों के लिए राहत की खबर आई है। MedPlus 500 से अधिक दवाओं पर छूट देने जा रही है।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
New Rates Medicines: कोरोना महामारी के बाद से दवाईयों की कीमत तेजी से बढ़ी है। जरूरी बीमारी की दवाईयां भी काफी महंगी मिल रही है।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।
केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की राय के बात 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये दवाएं सर्दी-खांसी, कफ और बुखार को ठीक करने वाली दवाएं हैं। जानिए इन दवाओं के बारे में-
सभी ड्रग इंस्पेक्टर को आदेश दिया गया है कि फार्मा कंपनियों की जांच करें। टेस्ट में फेल हुई दवाओं को मार्केट से वापस लिए जाने की बात भी कही गई है।
जेनेरिक आधार के संस्थापक और सीईओ अर्जुन देशपांडे ने कहा, “राष्ट्रपति से प्रशंसा प्राप्त करना एक सम्मान की बात है। वर्तमान में हमारे पास 2000 से अधिक मेडिकल स्टोर हैं और अगले डेढ़ साल में पूरे भारत में कुल 10,000 स्टोर होने की उम्मीद है।
एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा कि सरकार एनएलईएम में सूचीबद्ध कुल 870 दवाओं में से अबतक 651 के अधिकतम मूल्य को तय कर पाई है।
जल्द ही जरूरी दवाओं के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जहां दिल की बीमारियों, डायबिटीज से जुड़ी दवाओं के दाम 10 % फीसद तक बढ़ सकते हैं।
सरकार ने नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। 20 राज्यों की 76 कंपनियों के निरीक्षण के बाद ये कार्रवाई हुई है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने पिछले महीने ऑनलाइन फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि बिना लाइसेंस के ड्रग्स बेचने और वितरित करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
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