मरीज की सीटी स्कैन रिपोर्ट में कई गुर्दे की पथरी का संकेत दिया गया था, जिनमें से सबसे बड़ी लगभग 62 एमएम और 39 एमएम मापी गई थी।
संस्थान को होने वाले वार्षिक नुकसान का आकलन करने के लिए गठित एक समिति द्वारा शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। रिसर्च के दौरान कमेटी ने पाया कि बेड चार्ज और डायग्नोस्टिक टेस्ट के खर्च को 10 साल से रिवाइज नहीं किया गया है।
तुर्की और सीरिया के भयावह भूकंप को आए दो दिन होने को हैं। राहत और बचाव दल लगातार मलबे के नीचे दबे लोगों को जीवित निकालन के प्रयास में जुटे हैं। मंगलवार को राहत दलों ने उत्तर सीरिया में 40 घंटे तक मलबे में दबे एक पूरे परिवार को जीवित निकालने में सफलता पाई है। आखिर में परिवार के दो बच्चों तकबीर और जॉय को जिंदा निकाला।
तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में पीड़ितों को आपातकालीन राहत पहुंचाने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। करीब 6 टन आपातकालीन राहत सामग्री और दवाएं लेकर 99 सदस्यों की मेडिकल टीम के साथ भारत का एक अन्य विमान सीरिया के लिए रवाना हो गया है। तुर्की के लिए भी ऐसा ही विमान भारत ने भेजा है।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली में कुछ नए मेडिकल कोर्सों को मंजूरी दी है। इसके लिए संस्थानों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। सिसोदिया ने बताया कि इससे दिल्ली में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इमरजेंसी नर्सिंग एसोसिएशन, यूएस के विशेष कोर्स के लिए फीस 2,500 से लेकर 4,000 रूपए प्रति साल है। हेल्थकेयर प्रोफेसनल भी अपने सॉफ्ट स्किल्स को 500 से रुपए से लेकर 4,000 रुपये मे सुधार कर सकते हैं।
NMC ने एक मेडिकल यूनिवर्सिटी के खिलाफ चेतावनी जारी की है। NMC ने बताया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी को मान्यता नहीं दी गई है। मेडिकल यूनिवर्सिटी लोगों को गुमराह कर रही है।
अब MBBS हिंग्लिश में पढ़ाई जाएगी। इसकी शुरूआत मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज में कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज में MBBS छात्रों के नए बैच की क्लासेस और ओरिएंटेशन में लेक्चर 'हिंग्लिश' में दिया गया है।
हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर IMA के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जे.ए.जयलाल ने अपनी राय रखी उन्होंने कहा कि इससे बच्चों की नॉलेज और स्किल का दायरा सीमित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर आप क्षेत्रीय भाषा में ट्रेनिंग देते हैं, तो आप अपने नॉलेज और स्किल को अपडेट नहीं कर सकेंगे।
बॉन्ड पॉलिसी (Bond Policy) एक ऐसी नीति है जिसके तहत डॉक्टरों को अपनी अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की डिग्री पूरी करने के बाद राज्य के हॉस्पिटलों में एक निश्चित समय के लिए अपनी सेवा देने की जरूरत होती है।
अब उत्तराखंड में भी अब हिंदी को विशेष महत्व देते हुए मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होने जा रही है। उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इस बारे में सभी को बताया है। ऐसा करने के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य बनेगा। इसके लिए विशेषज्ञों की 4 सदस्यीय एक टीम बनाई गई है।
India-Egypt Relationship: भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर इन दिनों मिस्र में हैं। उन्होंने वहां भारतीय प्रवासियों से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत में ऐसे बदलाव हो रहे हैं जिससे लोग अपनी आकांक्षाओं को हासिल कर पा रहे हैं।
Medical Course: मेडिकल कोर्स की डिमांड बहुत ज्यादा है। नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट जैसे कई क्षेत्र हैं जहां स्टूडेंट्स बिना नीट एग्जाम किए भी करियर बना सकते हैं। इन क्षेत्र में करियर बनाने के लिए स्टूडेंट्स का 12वीं कक्षा में पास होना बेहद जरूरी है।
इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (IKDRC) देश का पहला सरकारी यूटरस ट्रांसप्लांट सेंटर बन गया है। सबसे बड़ी बात की IKDRC दुनिया का पहला हॉस्पिटल भी बन गया है जहां एक दिन में दो यूटरस ट्रांसप्लांट हुए हैं।
COVID-19: स्वास्थ्य संबंधी संसदीय समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को, खासकर कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ‘ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत’ के मामलों की राज्यों के समन्वय से लेखा-परीक्षा (Audit) करने की सिफारिश की है।
Indian Medical: आईएमए के मानद सचिव डॉ. जयेश लेले ने कहा- ‘भारत में चिकित्सा क्षेत्र का बुनियादी ढांचा दिनों-दिन मजबूत हो रहा है। हम यूरोप और अमेरिका के मुकाबले बेहद किफायती दामों पर अलग-अलग बीमारियों का अत्याधुनिक इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं।'
new addiction: भारत, बांग्लादेश और नेपाल के लोग इन दिनों एक ऐसे नशे की गिरफ्त में हैं, जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं रही होगी। लंबे समय से यह लोग नशे के लिए यह नया तरीका अपना रहे थे, जिसकी किसी को कानों कान भनक तक नहीं थी।
Afghan medical Help: भारत ने युद्ध से प्रभावित रहे अफगानिस्तान को गुरुवार को मानवीय सहायता के तहत 6 टन जीवन रक्षक दवाओं की खेप भेजी। इसे काबुल स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल को सौंपा गया है।
रोबोटिक सिस्टम को इसलिए सबसे सस्ता सिस्टम कहा जा रहा है, क्योंकि इसके एक रो यूनिट की कीमत 4-5 करोड़ है।
यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री लेने में औसत 6 साल लगते हैं और इंटर्नशिप के लिए दो वर्ष अतिरिक्त रखते हुए किसी उम्मीदवार को लाइसेंस के आवेदन के लिए 10 साल की अवधि में केवल दो साल बचते हैं। हालांकि मौजूदा संकट में यह कहना कठिन है कि प्रभावित विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के लिए यूक्रेन लौटने की कब अनुमति मिलेगी।
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