दिल्ली सरकार ने दिल्ली में कुछ नए मेडिकल कोर्सों को मंजूरी दी है। इसके लिए संस्थानों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। सिसोदिया ने बताया कि इससे दिल्ली में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
Delhi Free Medical Tests: दिल्ली सरकार ने 450 तरह के मेडिकल टेस्ट को मुफ्त कर दिया है। जिसका लाभ लोग 1 जनवरी से उठाना शुरू कर सकते हैं।
एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत सरकार महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलेगी। इसके लिए सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं।
इमरजेंसी नर्सिंग एसोसिएशन, यूएस के विशेष कोर्स के लिए फीस 2,500 से लेकर 4,000 रूपए प्रति साल है। हेल्थकेयर प्रोफेसनल भी अपने सॉफ्ट स्किल्स को 500 से रुपए से लेकर 4,000 रुपये मे सुधार कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर भी मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए अधिक सफर नहीं तय करना होगा। इसके साथ ही हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे।
NMC ने एक मेडिकल यूनिवर्सिटी के खिलाफ चेतावनी जारी की है। NMC ने बताया है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी को मान्यता नहीं दी गई है। मेडिकल यूनिवर्सिटी लोगों को गुमराह कर रही है।
यूपी के सरकारी में मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर्स की काफी कमी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज का क्या हाल है इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां करीब 30 फीसदी रिक्तियां हैं यानी भारी तदाद में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की कमी है।
अब MBBS हिंग्लिश में पढ़ाई जाएगी। इसकी शुरूआत मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज में कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज में MBBS छात्रों के नए बैच की क्लासेस और ओरिएंटेशन में लेक्चर 'हिंग्लिश' में दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को केंद्र से एक हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा था कि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे मेडिकल छात्रों की संख्या कितनी है, जिन्हें दूसरे देशों में ठहराया गया है।
हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर IMA के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जे.ए.जयलाल ने अपनी राय रखी उन्होंने कहा कि इससे बच्चों की नॉलेज और स्किल का दायरा सीमित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर आप क्षेत्रीय भाषा में ट्रेनिंग देते हैं, तो आप अपने नॉलेज और स्किल को अपडेट नहीं कर सकेंगे।
जब बी. श्रीमथि को MBBS कोर्स के लिए तिरुनेलवेली गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिला, तो उन्होंने इतिहास रच दिया, क्योंकि वह अपने इरुला आदिवासी समुदाय से डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल की पढ़ाई करने वाली पहली महिला हैं।
इस पूरे मामले की शुरुआत 16 अगस्त, 2021 को होती है, जब सात याचिकाकर्ताओं ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ये याचिका कर्ता कोर्ट में कहते हैं कि यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में 2018-19 परीक्षाओं में शासन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
MBBS फर्स्ट ईयर के एक छात्र ने यह वीडियो शेयर किया था, जिसमें उसे और उसके अन्य बैच के साथियों को सीनियर्स द्वारा रैगिंग का शिकार बनाया गया था। रैगिंग का शिकार हुई एक जूनियर छात्रा ने तमिलनाडु के वेल्लोर में मीडियाकर्मियों को बताया कि उनके साथ शारीरिक और यौन शोषण किया गया।
काउंसिलिंग का ठेका एक निजी एजेंसी को दिया गया। आयुर्वेद निदेशालय के अफसरों को इसके निगरानी की जिम्मेदारी दी गई। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर घोटाला हो गया। सीएम योगी ने कार्रवाई के आदेश दिए। CBI जांच के आदेश के बाद आयुष घोटाले में बड़ा एक्शन लिया गया। एक-एक सीट पर 5-5 लाख रुपये में एडमिशन हुए थे।
बॉन्ड पॉलिसी (Bond Policy) एक ऐसी नीति है जिसके तहत डॉक्टरों को अपनी अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की डिग्री पूरी करने के बाद राज्य के हॉस्पिटलों में एक निश्चित समय के लिए अपनी सेवा देने की जरूरत होती है।
अब उत्तराखंड में भी अब हिंदी को विशेष महत्व देते हुए मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होने जा रही है। उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इस बारे में सभी को बताया है। ऐसा करने के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य बनेगा। इसके लिए विशेषज्ञों की 4 सदस्यीय एक टीम बनाई गई है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''दिल्ली की महिलाओं के लिए खुशखबरी। बुधवार से दिल्ली की विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं में एक और नयी पहल होने जा रही है। सरकार महिलाओं के लिए विशेष 'महिला मोहल्ला क्लिनिक' शुरू करने जा रही है, जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ की सेवाएं, जांच व दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध होंगी।''
लैंसेट आयोग की रिपोर्ट में पता चला है कि जहां दुनियाभर में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च बढ़ा है। वहीं, दूसरी ओर भारत में ये खर्च पहले के मुकाबले दोगुना हो गया है। जबकि चीन की बात करें तो यहां मेडिकल एजुकेशन की फीस में तीगुनी बढ़ोतरी हुई है।
जामिया में मेडिकल और नर्सिग कॉलेज की शुरुआत की जाती है तो यहां MBBS जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल कोर्सेज भी शुरू हो सकेंगे। हालांकि, दिल्ली में स्थित अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटियों जैसे जेएनयू और डीयू में भी फिलहाल मेडिकल कॉलेज नहीं है।
Telangana Medical College: सबसे अच्छी बात की इनमें से एक मेडिकल कॉलेज भद्राद्री कोठागुडेम जिले के आदिवासी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के प्रति केंद्र के भेदभाव के बावजूद मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सभी 33 जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की ऐतिहासिक पहल की है।
संपादक की पसंद