भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में 25 केमिस्ट दुकानों को बंद करने के एक हफ्ते बाद, बुधवार को शहर में 12 से अधिक दवा की दुकानों के लाइसेंस बिना डॉक्टर के पर्चे के कोविड उपचार की दवाएं बेचने के कारण निलंबित कर दिए गए।
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर लोगों का महीनों पुराना इंतजार अब खत्म हो गया है और कई देशों में टीकाकरण अभियान जोरों पर है।
यह देखा गया है कि लोग झिझक और सामाजिक कलंक की वजह से कोरोना वायरस से मिलते-जुलते लक्षणों जैसे बुखार या खांसी होने पर सीधे दवा की दुकान पर जाते हैं और बुखार की दवाई मांगते हैं।
कोरोना वायरस के डर के बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर सैनिटाइजर और मास्क बेचने के आरोप में पांच दवा दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने ऑनलाइन दवाओं की बिक्री, रिटेलर के लिए मार्जिन कम किए जाने के विरोध में मेडिकल स्टोर्स के बंद रखने का ऐलान किया है।
कम कीमत पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार देश भर में 3,000 जन औषधि स्टोर खोलेगी।
देशभर में आठ लाख से ज्यादा केमिस्ट (दवा विक्रेता) ने बुधवार को अपने मेडिकल स्टोर बंद रखने का फैसला किया है। केमिस्ट सरकार द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को दी गई मंजूरी का विरोध कर रहे हैं।
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