उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि उनकी सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से राज्य में दो मेडिकल कॉलेज स्थापित करेगी।
देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 704 हो गई है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर डॉ. मनसुख मांडविया ने जानकारी देते हुए कहा है कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 704 हो गई है। सिर्फ इस साल 52 नए कॉलेज जोड़े गए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि मुसलमानों के लिए हर परिस्थिति में हिजाब पहनना अनिवार्य है और उन्हें ऑपरेशन थिएटर में इसे पहनने की इजाजत दी जानी चाहिए।
NEET वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने कई नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने की मंजूरी दे दी है। इससे मेडिकल कॉलेजों की सीटों में काफी इजाफा हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि इन मेडिकल कॉलेजों के खुलने से एमबीबीएस की सीटों पर मारामारी कम हो जाएगी।
NAMO मेडिकल कॉलेज की नींव 2019 में पीएम मोदी द्वारा रखी गई थी। आज संस्थान में 150 MBBS सीटों की प्रवेश क्षमता है जो अब बढ़कर 177 हो गई है। वर्तमान में 682 छात्र कॉलेज में नामांकित हैं।
नीट यूजी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। ऐसे में जो छात्र किसी कारणवश अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं, वे जल्दी अप्लाई कर दें। लेकिन अप्लाई करने से पहले जान लें कि देश में कौन से ऐसे कॉलेज हैं जहां मेडिकल की पढ़ाई बेहतर होती है।
MBBS Course: हमारे देश में मेडिकल एजुकेशन काफी मंहगा है, जो आम आदमी अफोर्ड नहीं कर सकता है। ऐसे में बहुत से छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना टूट जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे थे जहां एमबीबीएस की पढ़ाई फ्री है।
Medical college Fee: मेडिकल की पढ़ाई को लेकर छात्र काफी परेशान रहते हैं। पहले तो नीट परीक्षा की तैयारी, उसके बाद ज्यादा फीस उनके सामने चट्टान बन जाता है। इस कारण छात्र एमबीबीएस में एडमिशन नहीं ले पाते हैं। ऐसे में उन्हें ऐसे कुछ कॉलेजों की तलाश रहती है, जिनकी फीस कम हो। तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ कॉलेज के बारे में
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बड़े काम की खबर है। कर्नाटक में एक मेडिकल कॉलेज छात्रों के मेडकल की पढ़ाई फ्री में उपलब्ध कराएगा। पीएम मोदी ने आज इस कॉलेज का उद्घाटन किया है।
एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत सरकार महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलेगी। इसके लिए सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर भी मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए अधिक सफर नहीं तय करना होगा। इसके साथ ही हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे।
यूपी के सरकारी में मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर्स की काफी कमी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज का क्या हाल है इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां करीब 30 फीसदी रिक्तियां हैं यानी भारी तदाद में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की कमी है।
इस पूरे मामले की शुरुआत 16 अगस्त, 2021 को होती है, जब सात याचिकाकर्ताओं ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ये याचिका कर्ता कोर्ट में कहते हैं कि यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में 2018-19 परीक्षाओं में शासन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
MBBS फर्स्ट ईयर के एक छात्र ने यह वीडियो शेयर किया था, जिसमें उसे और उसके अन्य बैच के साथियों को सीनियर्स द्वारा रैगिंग का शिकार बनाया गया था। रैगिंग का शिकार हुई एक जूनियर छात्रा ने तमिलनाडु के वेल्लोर में मीडियाकर्मियों को बताया कि उनके साथ शारीरिक और यौन शोषण किया गया।
जामिया में मेडिकल और नर्सिग कॉलेज की शुरुआत की जाती है तो यहां MBBS जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल कोर्सेज भी शुरू हो सकेंगे। हालांकि, दिल्ली में स्थित अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटियों जैसे जेएनयू और डीयू में भी फिलहाल मेडिकल कॉलेज नहीं है।
Telangana Medical College: सबसे अच्छी बात की इनमें से एक मेडिकल कॉलेज भद्राद्री कोठागुडेम जिले के आदिवासी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के प्रति केंद्र के भेदभाव के बावजूद मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सभी 33 जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की ऐतिहासिक पहल की है।
Medical Students News: यूक्रेन से लौटे करीब 14 हजार मेडिकल छात्र ऐसे हैं जो विभिन्न वर्षों की पढ़ाई कर थे। वहां अब वापसी के हालात नहीं हैं। ये छात्र भारतीय मेडिकल कालेजों में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं।
नए मेडिकल कॉलेज लगभग 4,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें से लगभग 2,145 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और बाकी तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रदान किए गए हैं।
जिला प्रशासन ने छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों को तत्काल अपने कमरे खाली करने को कहा है। कॉलेज में रिटायरमेंट और नव वर्ष की पार्टी को यहां कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
नर्सिंग छात्राएं परीक्षा देने के लिए शिवमोग्गा शहर आई थीं। लौटने के बाद उनमें हल्के बुखार के लक्षण दिखाई दिए। जब उनकी जांच की गई तो उनमें संक्रमण पाया गया। चूंकि कॉलेज नर्सिंग होम से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे भी सील कर दिया गया है और ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
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