राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग यानी NMC की तरफ से हाल ही में जारी किए "स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा विनियम, 2023" नोटिफिकेशन के मुताबिक मेडिकल में दाखिले के लिए काउंसलिंग अब केवल ऑनलाइन माध्यम से होगी। इसके मुताबिक कॉलेजों को हर कोर्स के लिए फीस को पहले से ही घोषित करना होगा।
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बड़े काम की खबर है। कर्नाटक में एक मेडिकल कॉलेज छात्रों के मेडकल की पढ़ाई फ्री में उपलब्ध कराएगा। पीएम मोदी ने आज इस कॉलेज का उद्घाटन किया है।
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब मारामारी खत्म होने वाली है। सरकार ने इसे लेकर एक बड़ा कदम उठाया है।
काउंसिलिंग का ठेका एक निजी एजेंसी को दिया गया। आयुर्वेद निदेशालय के अफसरों को इसके निगरानी की जिम्मेदारी दी गई। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर घोटाला हो गया। सीएम योगी ने कार्रवाई के आदेश दिए। CBI जांच के आदेश के बाद आयुष घोटाले में बड़ा एक्शन लिया गया। एक-एक सीट पर 5-5 लाख रुपये में एडमिशन हुए थे।
लैंसेट आयोग की रिपोर्ट में पता चला है कि जहां दुनियाभर में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च बढ़ा है। वहीं, दूसरी ओर भारत में ये खर्च पहले के मुकाबले दोगुना हो गया है। जबकि चीन की बात करें तो यहां मेडिकल एजुकेशन की फीस में तीगुनी बढ़ोतरी हुई है।
मध्य प्रदेश में अब चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को बीच में पढ़ाई छोड़ना महंगा पड़ेगा, क्योंकि उन्हें बंध पत्र के अनुसार 10 से 30 लाख रुपये तक की राशि देनी होगी।
मेडिकल कॉलेजों मे ऐडमिशन के लिए नेशनल एलिजबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2018 रविवार को आयोजित किया जाएगा...
इस पूरे मामले की एसआईटी जांच की मांग करने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में आई जिसकी सुनवाई 9 नवंबर, 2017 को जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस जे चेलामेश्वर की पीठ ने की।
मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ राज्य के मूल निवासी को ही दाखिला दिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और एल़ नागेश्वर राव की युगलपीठ ने मंगलवार को सही ठहराया।
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