विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन, पाकिस्तान और आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर जवाब दिया है। उन्होंने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग त्सांगपो नदी पर एक जलविद्युत परियोजना को लेकर भी भारत का रुख साफ किया है।
सीरिया में तनाव के बीच भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की है और कहा है कि यहां सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं। दूतावास ने स्थानीय नियमों और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार जारी है। वहीं सीरिया के उत्तरी भाग में हाल ही के दिनों में लड़ाई बढ़ी है। सीरिया में 90 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं। इस बीच विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम बारीकी से हालात पर नजर रखे हुए हैं।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से वहां अल्पसंख्यक यानी हिंदू समुदाय पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। हिंदुओं के घरों पर आग लगा दी जा रही हैं। साधू-संतों को पकड़ कर मारा जा रहा है। साथ ही उन्हें जेल भी डाल दिया जा रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कनाडा में भारतीय कांसुलर कर्मियों के बारे में जानकारी दी है। एमईए ने बताया कि कनाडाई अधिकारी उन्हें ऑडियो-वीडियो निगरानी में रखने की बात कह रहे हैं।
कनाडा के आरोपों पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तगड़ा पलटवार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक मंत्री की ओर से भारत के खिलाफ की गई टिप्पणी को बेबुनियाद बताते हुए सख्त चेतावनी दी है।
भारत ने कनाडा से लॉरेंस बिश्नोई समेत अन्य गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया था, लेकिन ओटावा ने कोई कार्रवाई नहीं की। भारत ने कनाडा की पूरी दुनिया के सामने पोल खोल दी है।
भारत से फरार विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक की पाकिस्तान यात्रा और वहां उसके स्वागत पर भारत ने बयान जारी किया है। भारत ने इस कदम को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक बात नहीं है।
सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई के बयान पर भारत ने ईरान को नसीहत दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दूसरे देश के बारे में बोलने से पहले अपने यहां के अल्पसंख्यकों के रिकॉर्ड भी देख लेने चाहिए।
भारत ने अमेरिका की उस टिप्पणी का करारा जवाब दिया है, जिसमें उनकी ओर से पीएम मोदी के रूस दौरे की टाइमिंग और पुतिन को गले लगाने के मामले में उठाए गए सवाल का करारा जवाब दिया है। साथ ही पीएम जस्टिन ट्रूडो को धमकी मामले में दोहरा रवैया अपनाए जाने पर कनाडा को आईना दिखाया है।
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के बीच हुई वार्ता में भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर को लेकर अनुचित बयान जारी किया गया था। अब भारत ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
प्रज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल से गायब हैं। उनके खिलाफ कई महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। उनके कई अश्लील वीडियो भी वायरल हुए थे, जिसमें वह शोषण करते दिख रहे थे।
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए कर्नल वैभव की संयुक्त राष्ट्र मिशन की ओर से गाजा में ड्यूटी करते वक्त मौत हो जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी गहरा दुख जाहिर किया है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने भी इसके लिए शोक व्यक्त करने के साथ ही भारत से माफी मांगी थी।
सीमा से लगे शक्सगाम घाटी में चीन ने अवैध निर्माण शुरू कर दिया है। इससे भारत बुरी तरह भड़क गया है। चीन की इस हरकत को अवैध बताते हुए भारत ने कहा है कि शक्सगाम घाटी भारत का हिस्सा है। चीन की यह गतिविधि पूरी तरह अस्वीकार्य है। हमारे पास अपनी रक्षा का अधिकार सुरक्षित है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें यह उम्मीद नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग भारत के बहुलवादी, लोकतांत्रिक लोकाचार को समझने की कोशिश भी करेगा, क्योंकि वह एक पक्षपाती संगठन है। ऐसे में उससे उम्मीद भी क्या की जा सकती है।
भारत से पहले रूस और जर्मनी भी इस तरह की एडवाइजरी एक दिन पहले ही जारी कर चुके हैं। इजरायल और ईरान में युद्ध के बढ़ते खतरों के बीच रूस और जर्मनी ने 11 अप्रैल को ही मध्य पूर्व के देशों से संयम बरतने की अपील करने के साथ ही अपने नागरिकों को सचेत किया था।
भारत का रुख नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
बीते 12 फरवरी को कतर से 7 नागरिकों की भारत वापसी हो गई थी। लेकिन एक नागरिक अब तक वापस नहीं आ सका है।
असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर रूस में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने में मदद की अपील की थी। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान आया है। जानिए बयान में क्या कहा?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी की है। म्यांमार में रहने वाले भारतीयों के लिए जारी इस एडवाजइरी में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत से भारतीय तुरंत बाहर निकलें, वहां रहना खतरनाक है।
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