रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से हजारों भारतीय छात्रों को पढ़ाई में काफी नुकसान हुआ है। अब उन छात्रों के लिए जो यूक्रेन छोड़कर अपने देश वापस आ गए थे उनके लिए एक अच्छी खबर है। रूस ने उन छात्रों को अपने यहां अच्छा ऑफर दे रहा है।
बॉन्ड पॉलिसी (Bond Policy) एक ऐसी नीति है जिसके तहत डॉक्टरों को अपनी अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की डिग्री पूरी करने के बाद राज्य के हॉस्पिटलों में एक निश्चित समय के लिए अपनी सेवा देने की जरूरत होती है।
MBBS in Hindi: मध्य प्रदेश के बाद अब यूपी में योगी सरकार भी MBBS की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने की ओर अग्रसर है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए आदेश दे दिए हैं। बता दें कि इसकी तैयारियां कई महीने पहले से चल रही हैं।
अमित शाह ने कहा, ''आज का दिन आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत के चिकित्सा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे आने वाले समय में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। आज का दिन देश के शिक्षा क्षेत्र के लिए पुनर्जागरण और पुनर्निर्माण का दिन है।''
गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में देश के पहले हिंदी एमबीबीएस कोर्स की किताबों को लॉन्च कर दिया है। एमबीबीएस प्रथम वर्ष की एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री की किताबों का विमोचन किया गया है जो हिन्दी में बन कर तैयार हैं। इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्य मेडिकल एजुकेशन मंत्री विश्वास कैलाश सारंग मौजूद रहे।
MP News: मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में होगी। मध्य प्रदेश में आज MBBS की किताबों का विमोचन किया जाएगा। इन किताबों का विमोचन गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। किताबें हिंदी में तैयार हो चुकी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई नेता मौजूद रहेंगे। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा मध्य प्रदेश।
देश में अब पहली बार MBBS की पढ़ाई हिंदी में होने जा रही है। इसको लेकर मध्य प्रदेश में कोर्स से जुड़ी किताबें भी तैयार हो गई हैं और इनका विमोचन अमित शाह करेंग।
Delhi News: जानकारी के मुताबिक मेडिकल छात्रा को सफदरगंज अस्पताल में कमरा मिला था, जहां उसने अपने दुपट्टा से लटककर जान दे दी। छात्रा का कमरा अंदर से बंद था और जब उसके दोस्त कमरे के दरवाजे तोड़कर अंदर दाखिल हुए तो देखा कि छात्रा दुपट्टे से लटकी हुई है।
Saifai Medical College: यूपी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने घटना की हाई लेवल जांच और छात्र के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की है।
MadhyaPradesh News: AIIMS भोपाल की MBBS की एक छात्रा ने AIIMS कैंपस स्थित अपने हॉस्टल की तीसरी मंजिल से रविवार शाम को कूदकर आत्महत्या कर ली।
Delhi News: भारतीय छात्रों को 3 महीने से ज्यादा समय स्वदेश लौटे हुए हो गया है। छात्रों और परिजनों की मांग है कि उन्हें देश के मेडिकल कॉलेजों में एडजस्ट किया जाए, हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई इस पर निर्णय नहीं लिया है।
NEET Exam: पुलिस ने कहा कि जिले के अयूर में रविवार को एक निजी शिक्षण संस्थान में आयोजित नीट परीक्षा के दौरान कथित तौर पर अपमानजनक अनुभव का सामना करने वाली एक लड़की की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Sonipat Road Accident: हरियाणा के सोनीपत में एक दर्दनाक हादसे में तेज रफ्तार कार बैरिकेड से टकरा गई और कार में आग लग गई। आग लगने से कार में सवार 6 में 3 स्टूडेंट्स की जिंदा जलने से मौत हो गई बाकी छात्रों को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने बताया कि राई गांव के पास MBBS छात्रों की कार बैरिकेड से टकरा गई जिससे उसमें आग लग गई।
MBBS Seats Doubled: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाने के लिये केन्द्र सरकार ने एमबीबीएस (MBBS) पाठ्यक्रम की सीटों में दोगुना से ज्यादा ईजाफा करके उन्हें एक लाख तक कर दिया है।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यक्ति की दोषसिद्धि और कैद ने उसके पूरे जीवन को ‘अस्त-व्यस्त’ कर दिया।
मध्य प्रदेश के इंदौर के एक निजी मेडिकल कॉलेज के 21 वर्षीय छात्र को रैगिंग के जरिए खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने उसके दो वरिष्ठ विद्यार्थियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया।
यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री लेने में औसत 6 साल लगते हैं और इंटर्नशिप के लिए दो वर्ष अतिरिक्त रखते हुए किसी उम्मीदवार को लाइसेंस के आवेदन के लिए 10 साल की अवधि में केवल दो साल बचते हैं। हालांकि मौजूदा संकट में यह कहना कठिन है कि प्रभावित विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के लिए यूक्रेन लौटने की कब अनुमति मिलेगी।
रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को 27 फरवरी से रोमानिया और हंगरी के रास्ते स्वदेश ला रहा है।
भारत में करीब 8 लाख छात्र एमबीबीएस के लिए परीक्षा देते हैं लेकिन इनमें से महज 1 लाख छात्रों को ही भारतीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिल पाता है। यही कारण है कि हर वर्ष हजारों की तादाद में भारतीय छात्रों को यूक्रेन समेत अन्य देशों का रुख करना पड़ता है।
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