2017 में BJP से नीलम करवरिया विधायक बनीं। नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है। यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार भी नीलम करवरिया को BJP ने टिकट दिया है। मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है?
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘साथ ही, भाजपा द्वारा संसद में भी बेरोजगारी की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या से इनकार करना इनकी यह गलत व अहंकारी सोच नहीं है तो और क्या है?'
बीजेपी ने इस बार डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना को टिकट दिया है। अरुण कुमार की इस पूरे इलाके में अच्छी पकड़ है और उनका छवि भी काम करने वाले नेता की है। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी की तरफ से राजेश कुमार अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया गया है।
बीएसपी प्रमुख मायावती कई बार समाजवादी पार्टी पर 2021-17 के दौरान सत्ता में रहने के दौरान दलितों के हितों के विरूद्ध कथित रूप से काम करने का आरोप लगा चुकी है।
कुछ दिनों से लापता युवती की मां ने लखनऊ में सपा नेता की कार के आगे आत्मदाह का प्रयास किया था। बृहस्पतिवार को शव मिलने के बाद युवती की मां ने कहा कि वह पहले दिन से ही कह रही थीं कि उनकी बेटी का पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह ने अपहरण किया।
बलरामपुर सदर में 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। पिछली बार यहां की जनता ने BJP के पल्टूराम को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार भी BJP ने पल्टूराम पर भरोसा जताया है। 2022 में जनता यहां से किसको जीताएगी?
बीएसपी की लिस्ट में 10 जनपदों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। अंबेडकरनगर जनपद की कटेहरी सीट से प्रतीक पांडे, टाण्डा से शबाना खातून, आलापुर से केशरा देवी गौतम, जलालपुर से राजेश कुमार सिंह, अकबरपुर से चंद्र प्रकाश वर्मा को टिकट दिया गया है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को आगरा में अपनी पहली चुनावी जनसभा से पार्टी के प्रचार की शुरूआत की।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती दो फरवरी को आगरा में कोविड नियमों का पालन करते हुए जनसभा को सम्बोधित करेंगी।
आज लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते वक्त बसपा सुप्रीमो मायावती ने उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इसमें कुल 55 हैं जिनमें से 51 नाम की घोषणा की गई है।
मायावती ने अपने 66वें जन्मदिन पर यह सूची जारी की है। साथ ही उन्होंने सत्ता में वापस आने का दावा भी किया है। बसपा सुप्रीमो ने अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मेरे जन्मदिन को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाया जा रहा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए मौर्य ने कहा, मैं जिसका साथ छोड़ता हूं, उसका कहीं अता-पता नहीं रहता है।
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण की 90 फीसदी से अधिक सीटों के लिए पार्टी के प्रत्याशी चुने जा चुके हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के पार्टी छोड़ने के बाद एक और बड़े नेता ने इस्तीफा दिया है। इस तरह से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में झटके लगते जा रहे हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेता को मायावती ने अपनी पार्टी से टिकट भी दे दिया है।
अभी तक मायावती ने राज्य में होने वाले चुनाव के लिए रैलियां नहीं की हैं जबकि सभी सियासी दलों ने राज्य में चुनाव प्रचार काफी पहले से शुरू कर दिया था। बसपा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। पंजाब में बसपा का शिरोमणी अकाली दल के साथ गठबंधन है।
यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पुरजोर तरीके से रैली कर रही है। मगर अभी तक बहुजन समाज पार्टी चुनावी मैदान में नहीं उतरी है।
देश को जानना, समझना और परखना है, तो जनाब पहले य़ूपी को समझिये। इससे अच्छा जरिया यूपी की नब्ज टटोलने का और क्या हो सकता है जब खुद उत्तर प्रदेश की पारखी जनता आपको बताये–अपने दिल की बात–क्योंकि ये पब्लिक है, सब जानती है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सिलसिलेवार किए गए ट्वीट में महिलाओं के सशक्तीकरण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही घेरा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ रही बसपा के शासनकाल में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक आत्मनिर्भरता के लिए काफी प्रयास किए गए जिन्हें अब विरोधी पार्टियां भुना रहीं हैं।
मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे का भी निर्माण करवाया जिसपर अखिलेश की समाजवाद की साईकल ने खूब रफ्तार पकड़ी और अखिलेश ने चुनावी नारा दिया "काम बोलता है"। अखिलेश ने अपनी सभी चुनावी सभाओं में उनके द्वारा बनाए गए हाईवे निर्माण को विकास का मुद्दा बनाया।
, ''बसपा गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है। इसीलिए वह पूंजीपतियों के धन में विकास के बजाय देश की पूंजी में विकास चाहती है ताकि आमजन व देश का भला हो सके।’’
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