योगी ने कहा कि हमने सबको मुफ्त में टीका लगवाया है, लेकिन अगर सपा या बसपा की सरकार होती तो वैक्सीन की कालाबाजारी की जाती।
मायावती ने कहा, मुसलमानों के विकास व उत्थान एवं उनकी सुरक्षा आदि की तरफ तो बीजेपी की सरकार ने ध्यान नहीं ही दिया।
जौनपुर के लोगों ने कहा- 'माफिया नहीं शिक्षा रही है जौनपुर की पहचान। नेता ईमानदार हो तो जनता के सामने नहीं टिक सकता कोई भी माफिया।'
गाजीपुर ज़िले के जंगीपुर विधानसभा में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 2017 में कमल की लहर में भी यहां साइकिल ही दौड़ी थी। यह सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी, तब से लेकर 2017 तक यहां सपा का कब्जा रहा है। 2022 का चुनाव परिणाम क्या होगा?
मायावती ने आरोप लगाया, 2003 में जब वह सरकार से हट गयी थीं तो बीजेपी के सहयोग से मुलायम सिंह यादव राज्य में सत्ता आये थे।
मायावती ने कहा कि ‘गांव जाकर आप वास्तविकता का आकलन कर सकते हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली से बहुत नाराज हैं। उनमें से ज्यादातर का मानना है कि वे पिछले पांच वर्षों के दौरान सपा के साथ रहे लेकिन जब टिकट बंटवारे का वक्त आया तो उसने उन सीटों पर दूसरों को टिकट दे दिया।'
फूलपुर विधायक प्रवीण कुमार सिंह एरन का दावा उनके कार्यकाल में तेजी से हुआ विकास। विपक्ष बोला- झूठ बोलते हैं विधयाक। अब जनता क्या कहती है? आप भी सुनिए
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी दलितों और पिछड़ों की विरोधी है।
बस्ती में चुनावी चर्चा तो खूब हो रही है, लेकिन आधी आबादी की बात यहां कोई नहीं कर रहा। साल 1985 के बाद से, यहां से किसी भी महिला को विधानसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला है।
गोला गोकर्णनाथ विधानसभा में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने BJP उम्मीदवार अरविंद गिरि को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार यहां की जनता किसको भेजना चाहती है विधानसभा?
इस चुनाव में सरकार से नाराज़ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कहा कि ‘’जब देखो तब पेपर लीक हो जाते हैं। नौकरी मांगने पर छात्रों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। छात्र मानसिक रूप से बीमार हो चुका है।’’
2017 में बिल्सी विधानसभा सीट पर BJP के पंडित आरके शर्मा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। यहां बहुजन समाजवादी पार्टी का प्रभाव रहा है। 24 साल बाद यहां 2017 में कमल खिला था। 2022 के विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को जीत मिलेगी?
2017 में BJP से नीलम करवरिया विधायक बनीं। नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है। यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार भी नीलम करवरिया को BJP ने टिकट दिया है। मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है?
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘साथ ही, भाजपा द्वारा संसद में भी बेरोजगारी की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या से इनकार करना इनकी यह गलत व अहंकारी सोच नहीं है तो और क्या है?'
बीजेपी ने इस बार डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना को टिकट दिया है। अरुण कुमार की इस पूरे इलाके में अच्छी पकड़ है और उनका छवि भी काम करने वाले नेता की है। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी की तरफ से राजेश कुमार अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया गया है।
बीएसपी प्रमुख मायावती कई बार समाजवादी पार्टी पर 2021-17 के दौरान सत्ता में रहने के दौरान दलितों के हितों के विरूद्ध कथित रूप से काम करने का आरोप लगा चुकी है।
कुछ दिनों से लापता युवती की मां ने लखनऊ में सपा नेता की कार के आगे आत्मदाह का प्रयास किया था। बृहस्पतिवार को शव मिलने के बाद युवती की मां ने कहा कि वह पहले दिन से ही कह रही थीं कि उनकी बेटी का पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह ने अपहरण किया।
बलरामपुर सदर में 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। पिछली बार यहां की जनता ने BJP के पल्टूराम को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार भी BJP ने पल्टूराम पर भरोसा जताया है। 2022 में जनता यहां से किसको जीताएगी?
बीएसपी की लिस्ट में 10 जनपदों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। अंबेडकरनगर जनपद की कटेहरी सीट से प्रतीक पांडे, टाण्डा से शबाना खातून, आलापुर से केशरा देवी गौतम, जलालपुर से राजेश कुमार सिंह, अकबरपुर से चंद्र प्रकाश वर्मा को टिकट दिया गया है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को आगरा में अपनी पहली चुनावी जनसभा से पार्टी के प्रचार की शुरूआत की।
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