यूपी चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद मायावती ने माना कि चुनाव में उनकी पार्टी की हार एक 'सबक' है। उन्होंने कहा कि बसपा के खिलाफ नकारात्मक अभियान मतदाताओं को गुमराह करने में सफल रहा।
यूपी चुनाव में ओवैसी की पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। गुड्डू जमाली ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार थे जो अपनी जमानत बचा पाए थे। गुड्डू जमाली चुनाव में 36419 वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे थे।
मायावती ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बसपा की मिलीभगत से इनकार करते हुए दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भाजपा से खुलकर मिले हुए हैं।
403 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बसपा का केवल एक उम्मीदवार विजयी हुआ है। मायावती ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा ‘‘जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बसपा आंदोलन को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया।’’
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई तरह के विमर्शों, सवालों और मुद्दों के बीच एक अहम सवाल बहुजन समाज पार्टी को लेकर भी उठ रहा है। बीते तीन दशकों में यह पहली बार है कि जब उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में बसपा को एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में नहीं देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के पक्ष में रहे। वहीं सपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही। लेकिन उत्तर प्रदेश की मुखिया रह चुकी बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती की पार्टी बसपा इस चुनाव में सिर्फ एक सीट पर ही कब्जा कर पाई।
बसपा ने राज्य में चार बार अपनी सरकार बनाई है, जिसमें एक पूर्ण बहुमत की सरकार भी शामिल है। पार्टी 1993 में सपा के नेतृत्व वाली सरकार का भी हिस्सा थी। 2001 में बसपा अध्यक्ष बनने वाली मायावती चार बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
विभिन्न दलों से एकत्रित जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने यूपी के सत्ता संग्राम में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए 209 रैलियां और रोड शो किए।
योगी ने कहा कि हमने सबको मुफ्त में टीका लगवाया है, लेकिन अगर सपा या बसपा की सरकार होती तो वैक्सीन की कालाबाजारी की जाती।
मायावती ने कहा, मुसलमानों के विकास व उत्थान एवं उनकी सुरक्षा आदि की तरफ तो बीजेपी की सरकार ने ध्यान नहीं ही दिया।
जौनपुर के लोगों ने कहा- 'माफिया नहीं शिक्षा रही है जौनपुर की पहचान। नेता ईमानदार हो तो जनता के सामने नहीं टिक सकता कोई भी माफिया।'
गाजीपुर ज़िले के जंगीपुर विधानसभा में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 2017 में कमल की लहर में भी यहां साइकिल ही दौड़ी थी। यह सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी, तब से लेकर 2017 तक यहां सपा का कब्जा रहा है। 2022 का चुनाव परिणाम क्या होगा?
मायावती ने आरोप लगाया, 2003 में जब वह सरकार से हट गयी थीं तो बीजेपी के सहयोग से मुलायम सिंह यादव राज्य में सत्ता आये थे।
मायावती ने कहा कि ‘गांव जाकर आप वास्तविकता का आकलन कर सकते हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली से बहुत नाराज हैं। उनमें से ज्यादातर का मानना है कि वे पिछले पांच वर्षों के दौरान सपा के साथ रहे लेकिन जब टिकट बंटवारे का वक्त आया तो उसने उन सीटों पर दूसरों को टिकट दे दिया।'
फूलपुर विधायक प्रवीण कुमार सिंह एरन का दावा उनके कार्यकाल में तेजी से हुआ विकास। विपक्ष बोला- झूठ बोलते हैं विधयाक। अब जनता क्या कहती है? आप भी सुनिए
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी दलितों और पिछड़ों की विरोधी है।
बस्ती में चुनावी चर्चा तो खूब हो रही है, लेकिन आधी आबादी की बात यहां कोई नहीं कर रहा। साल 1985 के बाद से, यहां से किसी भी महिला को विधानसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला है।
गोला गोकर्णनाथ विधानसभा में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने BJP उम्मीदवार अरविंद गिरि को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार यहां की जनता किसको भेजना चाहती है विधानसभा?
इस चुनाव में सरकार से नाराज़ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कहा कि ‘’जब देखो तब पेपर लीक हो जाते हैं। नौकरी मांगने पर छात्रों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। छात्र मानसिक रूप से बीमार हो चुका है।’’
2017 में बिल्सी विधानसभा सीट पर BJP के पंडित आरके शर्मा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। यहां बहुजन समाजवादी पार्टी का प्रभाव रहा है। 24 साल बाद यहां 2017 में कमल खिला था। 2022 के विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को जीत मिलेगी?
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