देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी की जबर्दस्त मार व तनाव झेल रही जनता अब पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस आदि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण घुट-घुट कर जीने को मजबूर है- मायावती
मायावती ने अखिलेश यादव पर अपनी विदेश यात्राओं को विकास से जोड़ने पर बुधवार को तंज करते हुए कहा कि समग्र विकास के लिए सही सोच और दृष्टिकोण जरूरी है, जो बिना विदेशी दौरे के भी संभव हैं।
बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने यूपी में सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत को लेकर बताया कि कैसे हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहां मुस्लिम समाज को गुमराह किया गया।
मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के सबसे बड़े पुत्र आकाश अपनी बुआ के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सुर्खियों में आए। मायावती ने बाद में घोषणा की कि आकाश पार्टी से जुड़ेंगे और राजनीति की बारीकियों को मायावती को ट्विटर पर लाने का श्रेय भी आकाश को दिया जाता है।
मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने उनके समर्थकों को गुमराह करने के लिए यह झूठा प्रचार किया था कि अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा को जीतने दिया गया, तो उनकी बहन जी (मायावती) को राष्ट्रपति बनाया जाएगा।
यूपी चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद मायावती ने माना कि चुनाव में उनकी पार्टी की हार एक 'सबक' है। उन्होंने कहा कि बसपा के खिलाफ नकारात्मक अभियान मतदाताओं को गुमराह करने में सफल रहा।
यूपी चुनाव में ओवैसी की पार्टी के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। गुड्डू जमाली ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार थे जो अपनी जमानत बचा पाए थे। गुड्डू जमाली चुनाव में 36419 वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे थे।
मायावती ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बसपा की मिलीभगत से इनकार करते हुए दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भाजपा से खुलकर मिले हुए हैं।
403 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बसपा का केवल एक उम्मीदवार विजयी हुआ है। मायावती ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा ‘‘जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बसपा आंदोलन को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया।’’
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कई तरह के विमर्शों, सवालों और मुद्दों के बीच एक अहम सवाल बहुजन समाज पार्टी को लेकर भी उठ रहा है। बीते तीन दशकों में यह पहली बार है कि जब उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में बसपा को एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में नहीं देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के पक्ष में रहे। वहीं सपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही। लेकिन उत्तर प्रदेश की मुखिया रह चुकी बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती की पार्टी बसपा इस चुनाव में सिर्फ एक सीट पर ही कब्जा कर पाई। जबकि कांग्रेस के खाते में भी दो सीटें गईं। बसपा की इस हार पर अब मायावती ने बड़ा बयान दिया है। जानिए उन्होंने हार का क्या कारण बताया?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के पक्ष में रहे। वहीं सपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही। लेकिन उत्तर प्रदेश की मुखिया रह चुकी बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती की पार्टी बसपा इस चुनाव में सिर्फ एक सीट पर ही कब्जा कर पाई।
बसपा ने राज्य में चार बार अपनी सरकार बनाई है, जिसमें एक पूर्ण बहुमत की सरकार भी शामिल है। पार्टी 1993 में सपा के नेतृत्व वाली सरकार का भी हिस्सा थी। 2001 में बसपा अध्यक्ष बनने वाली मायावती चार बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
विभिन्न दलों से एकत्रित जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने यूपी के सत्ता संग्राम में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए 209 रैलियां और रोड शो किए।
बीते गुरुवार बसपा सुप्रीमो Mayawati ने Varanasi में एक जनसभा को संबोधित किया. यहां मायावती ने कहा कि Congress के बाद SP और BJP के शासनकाल में जनता दुखी रही है. BSP अपने दम पर अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कुछ सालों से प्रदेश में धर्म के नाम पर सिर्फ तनाव है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम भी वहां मौजूद थी. मायावती की रैली में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे. बहुत लोग बहन जी को सुनने के लिए बसों से आए थे. कुछ लोगों ने चर्चा के दौरान कहा कि मायावती ने ही उनके इलाके का विकास किया है. मायवती ही उनकी नेता हैं. जब चंद्रशेखर के बारे में पूछा गया तो लोगों ने कहा कि उन्हें अभी सीखने की ज़रूरत है.
योगी ने कहा कि हमने सबको मुफ्त में टीका लगवाया है, लेकिन अगर सपा या बसपा की सरकार होती तो वैक्सीन की कालाबाजारी की जाती।
मायावती ने कहा, मुसलमानों के विकास व उत्थान एवं उनकी सुरक्षा आदि की तरफ तो बीजेपी की सरकार ने ध्यान नहीं ही दिया।
जौनपुर के लोगों ने कहा- 'माफिया नहीं शिक्षा रही है जौनपुर की पहचान। नेता ईमानदार हो तो जनता के सामने नहीं टिक सकता कोई भी माफिया।'
गाजीपुर ज़िले के जंगीपुर विधानसभा में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 2017 में कमल की लहर में भी यहां साइकिल ही दौड़ी थी। यह सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी, तब से लेकर 2017 तक यहां सपा का कब्जा रहा है। 2022 का चुनाव परिणाम क्या होगा?
मायावती ने आरोप लगाया, 2003 में जब वह सरकार से हट गयी थीं तो बीजेपी के सहयोग से मुलायम सिंह यादव राज्य में सत्ता आये थे।
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