Mathura : कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में दी गई याचिका पर स्वीकृति के बाद पहली सुनवाई आज गुरुवार को होगी।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह प्रकरण में विधि (कानून) की सात छात्राओं सहित दिल्ली-लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने जिला जज की अदालत में 13.37 एकड़ जमीन पर दावा किया है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में हिन्दू पक्ष ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर मामले की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में भी अदालत से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का अनुरोध किया है।
बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने ट्वीट में धमकी भरे लहजे में लिखा कि दुर्योधन को 5 गांव नहीं देने पर पूरा राज्य खोना पड़ा था। हमने तीन मंदिर मांगे थे, अब तैयार रहो, सारे मंदिर वापस लेंगे।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। मथुरा के जिला जज की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है।
भ्रष्टाचार के आरोप में मथुरा ज़िले के गोवर्धन थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार द्विवेदी, उप निरीक्षक योगेश कुमार, मुख्य आरक्षी पवन कुमार यादव, मनोहर सिंह और आरक्षी अमित कुमार को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के बाद मस्जिद परिसर में आज नहीं बल्कि 14 मई से शुरू होगा सर्वे. कोर्ट ने 17 मई से पहले सर्वे कराकर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा.जहां इस फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है, वहीं फैसला सुनाने वाले जज ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.#GyanvapiMasjid #MathuraMasjidControversy #IndiaTv
देश में आज 4 अलग-अलग बड़े धार्मिक विवादों पर संबंधित अदालतों में सुनवाई हुई। जहां एक ओर काशी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई तो दूसरी तरफ आगरा के ताजमहल में 22 कमरों को खुलवाने को लेकर दाखिल याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया।
मथुरा की एक अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई, जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग की गई है। जानिए places of worship act क्या है?
हिंदू पक्ष का आरोप है कि ईदगाह मस्जिद कृष्ण मंदिर को तोड़कर बनाया गया है, इस विवाद का जल्द से जल्द निपटारा हो। ईदगाह मस्जिद का मामला मथुरा की स्थानीय कोर्ट में चल रहा है। हिंदू पक्षकारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस केस की रोजाना सुनवाई और जल्द से जल्द निपटारा करने का आदेश देने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला न्यायाधीश राजीव भारती 19 मई को अपना निर्णय सुनाएंगे कि यह मामला सुनने योग्य है अथवा नहीं।
मथुरा के थाना नौहझील इलाके के गांव मुबारकपुर निवासी खूबीराम की बेटी काजल की शादी नोएडा के युवक से तय हुई थी। गुरुवार को बारात आई और धूमधाम से जयमाला हुई। इसके बाद वैवाहिक रस्में हो रही थीं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में भोर की मंगला आरती से लेकर रात की शयन आरती तक, तथा अन्य आयोजनों/अनुष्ठानों पर लाउडस्पीकर बजता था और उसकी आवाज परिसर के बाहर भी सुनाई देती थी।
मुठभेड़ में एक बदमाश रणवीर पैर में गोली लगने से घायल हो गया, वहीं दूसरे बदमाश गुड्डू सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने घायल बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया है और वाहन बरामद कर लिया है।
द्वारकाधीश को 108 व्यंजनों का लगेगा भोग, फूलों की होगी बारिश। 108 तरह के फूलों से इस्कॉन द्वारका में खेलेंगे होली।
फर्नीचर लेकर आया वाहन अनाचक बंद हो जाने पर प्रधानाध्यापक अजय और सहायक अध्यापक करतार सिंह कुछ अन्य छात्रों के साथ उसे धक्का लगाने लगे। इसी दौरान ट्रक पर लदे फर्नीचर के लगने से ऊपर से गुजर रहा बिजली का हाईटेंशन तार टूटकर गिर पड़ा और छात्र तथा शिक्षक उसकी चपेट में आ गए।
योगी आदित्यनाथ मेरठ और गाजियाबाद में प्रचार करेंगे जबकि अपर्णा यादव रायबरेली में अदिति सिंह के लिए वोट मांगेंगी।
विशाल मंदिरों और सुंदर धार्मिक संरचनाओं से लेस Mathura देश के लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मथुरा में ही Lord Krishna का जन्म हुआ था. हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु बृज भूमि में भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं. जन्माष्टमी, बसंत पंचमी, होली और दीपावली जैसे त्योहारों में बृज की एक अनोखी छठा ही देखने को मिलती है. सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के अलावा मथुरा का राजनीतिक महत्व किसी से छिपा हुआ नहीं है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गहमागहमी बढ़ चुकी है. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में Chata, Mant, Goverdhan, Mathura, Baldeo 5 विधानसभा सीटें आती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में मथुरा की पांच में से 4 विधानसभा सीटों पर BJP ने कब्जा किया था. केवल मांट विधानसभा सीट को BSP अपने कब्जे में करने में कामयाब रही थी. इस बार मथुरा जिले की सभी पांचों सीटों पर वोटिंग 10 फरवरी को कराई जाएगी. इस बार जिले के लोगों की नजर मथुरा विधानसभा सीट पर है. इसका मुख्य कारण यहां से SP-RLD Alliance ने सादाबाद के पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला प्रदेश के ऊर्जा मंत्री Shrikant Mishraसे होगा. मथुरा की सभी पांचों सीट पर किस दल का उम्मीदवार चुनाव जीतेगा यह तो चुनाव के बाद परिणाम में पता चलेगा. सभी दलों ने चुनाव में जीत के लिए अपनी कमर कस ली है. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम की मथुरा विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर राजनीतिक गहमागहमी बढ़ चुकी है. उत्तर प्रदेश के Mathura जिले में छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव 5 विधानसभा सीटें आती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में मथुरा की पांच में से 4 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था. केवल मांट विधानसभा सीट को BSP अपने कब्जे में करने में कामयाब रही थी. मथुरा में हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का एलान हो चुका है. प्रदेश में इस बार चार चरणों में वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी. इस बार मथुरा जिले की सभी पांचों सीटों पर वोटिंग 10 फरवरी को कराई जाएगी. मथुरा की सभी पांचों सीट पर किस दल का उम्मीदवार चुनाव जीतेगा यह तो चुनाव के बाद परिणाम में पता चलेगा. सभी दलों ने चुनाव में जीत के लिए अपनी कमर कस ली है. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम की मथुरा जिले की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
गोवर्धन बस स्टैंड पर लोगों ने इंडिया टीवी संवाददाता से बातचीत में बताया कि कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है। वहीं एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पहले बरसाने रोड से रात में, दिन में, दोपहर में निकल के नहीं जाते थे, आज यहां कोई टच करने वाला नहीं है।
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