हाजीपुर के एक सरकारी स्कूल के टीचर को शिक्षा विभाग ने गर्भवती बताकर उसे लंबी छुट्टी दे दी। शिक्षा विभाग का यह कार्रनामा बिहार में सुर्खियां बटोर रहा है।
महिला पुलिसकर्मियों को एक साल की मैटरनिटी लीव मिलेगी। मां बनने के बाद काम पर लौटने पर उन्हें अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए तीन साल तक उनकी पसंद के स्थान पर तैनात किया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि तीसरे बच्चे को जन्म के तुरंत बाद और शिशु अवस्था के दौरान मातृ स्पर्श से वंचित रखा जाना ठीक नहीं है, क्योंकि नियम 43 के अनुसार उस बच्चे की मां से यह अपेक्षा की जाती है कि वह जन्म के अगले ही दिन ड्यूटी पर लौट आए।
सरोगेसी के जरिए बच्चे को पालने वाली मां और जैविक पिता के लिए अच्छी खबर है। मातृत्व अवकाश से जुड़े नियमों पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब सरोगेट और पालक, दोनों श्रेणी की माताओं को 180 दिनों तक का अवकाश मिल सकेगा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मैटरनिटी लीव पर गई एक महिला की सेवाएं समाप्त किए जाने के एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि एक महिला कर्मचारी को मातृत्व लाभ देने से इनकार करना अमानवीय और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों और उसके मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है।
केरल यूनिवर्सिटी ने 18 साल से ज्यादा उम्र की फीमेल स्टूडेंट्स के लिए छह महीने के मातृत्व अवकाश यानी मैटरनिटी लीव की घोषणा की।
Maternity Leave: केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु से मां को पहुंचने वाली भावनात्मक चोट को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है क्योंकि ऐसी घटनाओं का मां के जीवन पर बहुत गहरा प्रभव पड़ता है।
यदि आप नौकरीपेशा महिला हैं और आपकी सैलरी 21 हजार रुपये से कम है तो आपके लिए अच्छी खबर है।
गाजियाबाद के मोदीनगर की एसडीएम ने कोरोना संकट की इस घड़ी में एक नया उदाहरण पेश किया है। एसडीएम के पद पर तैनात आईएएस सौम्या पांडेय ने कोरोना काल में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया है। उन्होंने इस कोविड-19 महामारी के भयानक दौर में अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महज 14 दिन बाद ही कार्यालय पहुंचकर अपना पदभार सम्भाल लिया।
ऐसी शिकायतें आई हैं कि मातृत्व अवकाश की मियाद बढ़ने की वजह से कई कंपनियों से महिलाओं को नौकरी से निकाला जा रहा है।
ये महिला कर्मचारी वेतन सहित 26 सप्ताह (लगभग 180 दिन) का मातृत्व अवकाश प्राप्त कर सकती हैं...
छुट्टी सिर्फ पहली बार पिता बनने पर ही नहीं मिलेगी बल्कि कंपनी मे काम करने वाला पुरुष सदस्य अगर पहली बार बच्चा गोद लेता है तो भी 8 हफ्ते की छुट्टी ले सकेगा
सरकार अब असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली करीब 10 करोड़ महिलाओं के लिए भी अंशदान आधारित मातृत्व लाभ योजना शुरू करने पर विचार कर रही है।
मातृत्व लाभ कानून में एक संशोधन से सभी माताओं के लिए 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश उपलब्ध कराया जाएगा।
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