वर्ष 1988 में क्रूर नरसंहार के लिए अमेरिका समेत कई देशों ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पर कड़े प्रतिबंध लगाए। बाद में हिजाब पहनने के खिलाफ हुए आंदोलन में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के लिए संयुक्त राष्ट्र ने युवती को शारीरिक प्रताड़ना देने के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।
शिकोहाबाद थाने के साडूपुर गांव में हुए दलितों के नरसंहार के मामले में 42 साल बाद फैसला आया है। इस मामले के 10 आरोपियों में से 9 की मौत हो चुकी है जबकि जीवित बचे 90 साल के शख्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
DR Congo Rebels Violence: M23 मुख्य रूप से कांगोलेस तुत्सी विद्रोही समूह है। जिसकी महीनों से डीआरसी की सेना के साथ लड़ाई हो रही है। बीते हफ्ते इनके बीच एक समझौते पर सहमति बनी थी।
कानपुर पुलिस आयुक्तालय अब जुलाई 2020 के बिकरू नरसंहार की जांच करेगा। कमिश्नरेट का नया ढांचा बनने के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर अब संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी इस घटना की जांच करेंगे।
US News: उन्होंने सांसदों से देश में एक के बाद एक गोलीबारी की घटनाओं के मद्देनजर हथियारों की बिक्री की सीमा लागू करने पर विचार करने को कहा।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम हत्याकांड पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि नरसंहार "सुनियोजित और संगठित तरीके से" किया गया था और यह घटना तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता भादु शेख की हत्या का "सीधा नतीजा" थी।
बुचा से तस्वीरों के सामने आने के बाद कई देशों ने घटना की निंदा करते हुए इसकी जांच कराने की मांग उठाई है।
जो शख्स तीन दिन से पुलिस की गिरफ्त से दूर था वह दो घंटे में पकड़ में आ गया? आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो गया? क्या पुलिस को ममता बनर्जी के आदेश का इंतजार था?
सोशल मीडिया अकाउंट्स को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है लेकिन वायरल तस्वीरों में 3 वाहनों में 30 से अधिक जले शवों को देखा जा सकता है।
पेरू में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक 2 हफ्ते पहले विद्रोही संगठन ‘शाइनिंग पाथ’ के संदिग्ध सदस्यों ने कम से कम 14 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।
18 मार्च 1999 को 34 लोगों की गर्दन काटने के मामले में हाईकोर्ट ने 13 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस घटना में एक पूर्व माओवादी संगठन द्वारा 34 लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के बेहमई गांव में 40 साल पहले 14 फरवरी 1981 को एक युवा लड़की ने एक डकैत गिरोह द्वारा अपने यौन शोषण का बदला लेने के लिए 20 निर्दोष व्यक्तियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कांगो के पूर्वी बेनी क्षेत्र में नववर्ष की पूर्व संध्या पर विद्रोहियों के हमले में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विद्रोहियों ने कुछ लोगों को अगवा भी किया।
अफ्रीकी देश कैमरून के उत्तर में स्थित एक गांव में हथियारबंद लोगों ने 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
अमेरिका में इस साल सामूहिक हत्या की घटनाओं ने दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। साल शुरू होने के 19 दिन बाद ऐसी पहली घटना सामने आई, जिसमें एक व्यक्ति ने कुल्हाडी़ का इस्तेमाल कर नवजात बच्ची समेत अपने परिवार के चार सदस्यों को मौत की नींद सुला दिया।
इंग्लैंड के एसेक्स काउंटी में एक ट्रक से 39 लाशें मिलने के बाद सनसनी फैल गई। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को कत्ल के शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है।
अफ्रीका महाद्वीप के देश माली में जातीय हिंसा की एक बड़ी वारदात में दर्जनों लोगों की हत्या की खबर आ रही है।
चीन में 1989 में बीजिंग के तियानानमेन चौक पर सेना द्वारा निहत्थे नागरिकों के नरसंहार की तीसवीं बरसी मंगलवार को दुनियाभर में मनाई गई।
ब्रिटेन ने साल 1919 का जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने के लंदन के मेयर सादिक खान के आह्वान से खुद को दूर रखा और कहा कि...
सोमवार को सबकी जुबान पर एक ही सवाल था: 64 साल के अमेरिकी नागरिक ने लास वेगास में बेकसूर लोगों पर फायरिंग क्यों की? पुलिस उस हत्यारे के घर पहुंची, तलाशी ली गई लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिला है।
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