पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच स्थिति बेहद खराब है, भारत कुछ सख्त कदम उठाने की सोच रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखा है जिसमें भारत पर क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है।
सभी को पता है कि पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी का बच्चा है। सिर्फ मसूद ही नहीं, हाफिज सईद, सलाउद्दीन समेत तमाम दहशतगर्दों को पाकिस्तानी आर्मी और वहां की हुकूमत की सरपस्ती हासिल है।
चीन पिछले 6 दिनों से बयान को रोकने की कोशिश में लगा था। वह नहीं चाहता था कि बयान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम आए।
फ्रांस के इस कदम के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें बढ़ गई हैं क्योंकि इमरान ने ये कह कर अपनी फज़ीहत करवा ली है कि उसे पुलवामा हमले के सबूत चाहिए जबकि जैश ए मोहम्मद खुद इसकी ज़िम्मेदारी ले चुका है
पुलवामा हमले के बाद अब भारत ने इन दोनो आतंकियों के खिलाफ और सख्त रवैया अपनाया है तो ऐसे में पाकिस्तान की सेना ने दोनो आतंकियों को अंडरग्राउंड रहने की हिदायत दी है।
अजहर की रैली की एक रिकॉर्डिंग रिलीज की गई है और इस रिकॉर्डिंग में साफ नजर आ रहा है कि पाकिस्तान की अथॉरिटीज के जवान जो यूनिफॉर्म में हैं, वे किस तरह से इस आतंकी की सुरक्षा में मुस्तैद हैं।
पुलवामा हमले को लेकर इमरान खान के सबूत मांगने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमले की जिम्मेदारी लेने वाला पाकिस्तान में बैठा है, इससे ज्यादा और क्या सबूत चाहिए।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ और आतंकवादी मसूद अजहर को बैन करने की मांग को लेकर अब फ्रांस भी खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में फ्रांस अब UN में आतंकी मसूद अजहर को बैन करने का प्रस्ताव पेश करेगा।
सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने देश में मौजूद आतंकवादियों हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत के सुपुर्द कर देना चाहिए।
भारत में हुए कुछ भीषण हमलों के सरगना मौलाना मसूद अजहर से पूछताछ करना आसान था और सेना के एक जवान के एक ‘‘थप्पड़’’ से ही वह हिल गया था जिसके बाद उसने अपनी गतिविधियों का ब्यौरा उगल दिया था।
जिस मसूद अज़हर के ठिकाने के बारे में अभी तक पता नहीं था इसकी खबर अब सुरक्षाबलों को लग गई है। खुलासा हुआ है कि आतंकी मौलाना मसूद अजहर रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल में भर्ती है।
जिस मसूद अज़हर के ठिकाने के बारे में अभी तक पता नहीं था इसकी खबर अब सुरक्षाबलों को लग गई है। खुलासा हुआ है कि आतंकी मौलाना मसूद अजहर रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल में भर्ती है।
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के तहत सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के प्रति समर्थन जताया।
पाकिस्तान की मीडिया में ये भी कहा गया कि पाकिस्तान की आर्मी वहां के नौजवानों को जेहादी बना रही है और उन्हें ट्रेनिंग के नाम पर आतंकी संगठनों को सौंप देती है।
गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है और इस संगठन का मुखिया आतंकी मसूद अजहर ही है
ये वही आतंकी है जिसका इस्तेमाल इससे पहले मसूद अज़हर अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के खिलाफ भी कर चुका है। इसके साथ ही पीओके में जैश के ट्रेनिंग कैंप का चीफ इंस्ट्रक्टर भी रह चुका है।
जैश के आतंकियों ने आदिल अहमद के साथ मिलकर पूरे इलाके की रेकी की थी। यहां तक कि घाटी के जंगल में इस हमले का रिहर्सल तक किया गया था।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समितियों की यह कहते हुए आलोचना की है वे अस्पष्ट हैं और उनमें जवाबदेही का अभाव है
J&K: त्राल एनकाउंटर में मारा गया आतंकी मसूद अजहर का भतीजा
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