जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार से ही सेना के जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस बीच एक और जवान के शहीद होने की खबर सामने आई है। इसी के साथ इस एनकाउंटर में अबतक कुल 4 जवान शहीद हो चुके हैं।
अनंतनाग में आतंकवादियों से हुए एनकाउंटर में मेजर और कर्नल समेत जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी शहीद हो गए थे। आज दोपहर बाद मेजर और कर्नल का शव उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मेजर आशीष के परिवार में उनकी पत्नी, दो साल की बेटी और तीन बहनें हैं। इस दुखभरे वक्त में परिवारों के साथ शोक व्यक्त करने पहुंचे लोगों ने कहा कि सेना को आतंकवादियों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
मंगलवार को अनंतनाग में जवानों और आतंकियों के बीच हुए एनकाउंटर में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और जम्मू कश्मीर के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए हैं। बता दें कि हुमायूं भट्ट की दो महीने की बेटी है।
सियाचिन ग्लेशियर पर आज तड़के हुए एक हादसे में सेना के एक अधिकारी की जान चली गई जबकि 6 लोग घायल हो गए।
जून 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से ही भारत और चीन में टकराव बना है। भारत का लगातार कहना रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के चलते अब देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में शहीदों को उच्च सम्मान प्राप्त होगा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शहीदों को सम्मान देने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जो स्वीकार हो गया है। अब शहीदों के लिए यूएन में स्मारक दीवार बनेगी। भारतीय जवान भी यूएन मिशन में शहीद हुए हैं।
मणिपुर में सुगनू/सेरौ के इलाकों में असम राइफल्स, बीएसएफ तथा पुलिस द्वारा चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान पांच-छह जून की दरमियानी रात सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी हुई।
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए भीषण संघर्ष में करीब 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं दुश्मन चीन के 40 जवान मारे गए थे। गलवान में शहीद हुए भारतीय जवानों में से एक सैनिक की पत्नी ने भी सेना ज्वाइन कर लिया है। शहीद जवान की पत्नी को बतौर लेफ्टिनेंट लद्दाख क्षेत्र में ही तैनाती दी गई है।
दरअसल 28 फरवरी को सुरक्षा बलों ने हथियारों से लैस दो आतंकवादियों के मस्जिद में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद पुलवामा के पदगामपुर इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था।
गलवान शहीद जय किशोर सिंह के पिता राज कपूर सिंह पर राज्य सरकार की जमीन और साथी ग्रामीण हरिनाथ राम के कुछ हिस्से पर कब्जा करने का आरोप है। वैशाली पुलिस ने उन पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के साथ-साथ जबरन वसूली के अलावा भूमि अतिक्रमण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
शिकायतकर्ता ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हुए जय किशोर सिंह के स्मारक के निर्माण पर आपत्ति जताई गई है। वैशाली के पुलिस अधीक्षक मनीष ने कहा, ‘‘राज कपूर सिंह को शनिवार रात जनदाहा थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपी अपने बेटे के स्मारक का अ
बिजली विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर ने दस्तावेजों के आधार पर शहीद स्मारक के नाम 1,36,943 रुपये वसूली को लेकर नोटिस भेजा है। असिस्टेंट इंजीनियर द्वारा यह नोटिस भेजते हुए चेतावनी दी गई है कि अगर एक सप्ताह के अंमर समय से विपत्र का भुगतान नहीं करते हैं तो स्मारक स्थल की बिजली काट दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के सीएम ने शहीद हुए 4 जवानों के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
दर्दनाक हादसे में सेना के 3 जेसीओ समेत 16 जवान शहीद हो गए हैं। घटना उत्तरी सिक्किम के जेमा में हुई। दुर्घटना के तुरंत बाद बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया।
सैन्य परिवारों के कल्याण के प्रति अपनी सरकार को प्रतिबद्ध बताते हुए धामी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों में वरीयता देने का निर्णय किया है।
पंजाब में शहीदों को सम्मान देने और उनके बलिदान को याद करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों के नाम शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखे जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव पारित करने को कहा गया है।
UN Peacekeeping Mission: कांगो के बुटेम्बो में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दल में शामिल बीएसएफ के दो कर्मियों ने हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान घायल होने के बाद दम तोड़ दिया।
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कितने ही भारतीय जवान शहीद हुए हैं। आज हर कोई अपने-अपने अंदाज में वीर शहीदों को श्रद्धांजली दे रहा है। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में समाहित किया जा रहा है। यह अजीब बात है कि अमर जवान ज्योति की लौ को 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों की याद में प्रज्ज्वलित किया गया था, वहां उन युद्धों में शहीद हुए लोगों के नाम मौजूद नहीं नहीं हैं।
संपादक की पसंद